एमपी सीजी के टॉप थ्री रैंक वाले वाले निजी न्यूज चैनल ने हटाए 13 स्ट्रिंगर्स, न वजह बताई, न अबतक पूरा पेमेंट किया !
भोपाल: 4rtheyenews को मिले एक मेल और मोबाइल पर हुई बातचीत के मुताबिक MPCG के टॉप थ्री में रहने वाले एक निजी न्यूज चैनल ने मध्यप्रदेश के 13 स्ट्रिंगर्स को अचानक निकालकर बाहर कर दिया, जिसके बाद ये सभी पत्रकार हैरान और परेशान हैं, इनमें से ज्यादातर स्ट्रिंगर्स उस वक्त से इस चैनल के साथ जुड़े थे जब से इस चैनल ने मध्यप्रदेश में अपना विस्तार किया था, उनका आरोप है कि उन्होने अपना काम पूरी लगन और ईमानदारी से किया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हटा दिया गया, उन्होने ये भी बताया कि चैनल के इस फैसले के बाद वे कई बार उच्चअधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं लेकिन बावजूद इसके उन्हें अधिकारियों ने हटाये जाने की वजह अबतक नहीं बताई ।
हटाए जाने से एक दिन पहले ही भेजी थी खबर
हटाए गए एक स्ट्रिंगर ने बताया कि उनमें से कई लोग हटाए जाने के एक दिन पहले तक खबर भेज रहे थे उन्हें बिलकुल भी एहसास नहीं था कि उन्हें हटाया जा रहा है, लेकिन अचानक उनकी ईमेल आईडी बंद कर दी गई, और पूछने पर बुरा व्यवहार किया गया और कुछ भी बताने से इंकार कर दिया ।
दूध में मक्खी की तरह निकालकर फेंका- स्ट्रिंगर
हटाए गए इन पत्रकारों में से एक स्ट्रिंगर ने कहा कि जब कंपनी को मध्यप्रदेश में अपने पैर जमाने थे तो हमारा जमकर इस्तेमाल किया गया और अब जब प्रदेश में चैनल को लोग जानने लगे हैं तो उन्हें दूध में मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया गया ।
आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है -स्ट्रिंगर
एक स्ट्रिंगर ने कहा कि चैनल में कोई खबर न छूटे लिहाजा उसने कभी भी दिनरात नहीं देखा, जबकि चैनल से उसे करीब सालभर में मजह 16 हजार रुपए ही दिए गए, लेकिन बावजूद इसके उसने अपने दूसरे काम छोड़कर खबरों को महत्व दिया, लेकिन उसे हटा दिया गया, जिससे बाद लगे सदमे से वो उबरने की कोशिश कर रहा है, वहीं पूरे जिले में भी उसके पत्रकार साथी और दूसरे लोग उसके हटाए जाने की चर्चा कर रहे हैं जिससे वो परेशान है, यही नहीं वो जहां भी जाता है उससे संबंधित चैनल से हटाए जाने पर सवाल किया जाता है ।
बकाया पेमेंट मांगने जाएंगे हेड ऑफिस
हटाए गए इन स्ट्रिंगर्स ने बताया कि कंपनी द्वारा दिए गए लेटर के मुताबिक उन्हें पेमेंट नहीं किया गया, जबकि कई बार हमने बकाया पेमेंट देने के लिए उच्च अधिकारियों से कहा, लेकिन हमारा बकाया पेमेंट नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते वे अपना बकाया पेमेंट मांगने के लिए कंपनी के हेड ऑफिस जाएंगे, यही नहीं उन्होने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे इस मामले में न्यायालय भी जाने पर विचार कर रहे हैं ।
कंपनी के अधिकारियों ने हमें भी नहीं दिया जवाब
इस मामले में 4rtheyenews ने संबंधित चैनल के उच्च अधिकारियों ने जानकारी लेनी चाही और स्ट्रिंगर्स द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में मैसेज कर चैनल का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होने इस संबंध में कोई भी जबाव नहीं दिया ।
बड़ा सवाल – क्या उपयोग किए जाते हैं पत्रकार ?
एक साथ 13 लोग, भले ही वो किसी भी रूप में किसी संस्थान से जुड़े हों, उन्हें हटाना बेहद चौंकान वाला फैसला है और अगर इन स्ट्रिंगर्स की बातों को मान लिया जाए तो इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात ये है कि उन्हें लिखित या मौखिक पहले से हटाये जाने की सूचना नहीं दी गई और न ही उन्हे बताया गया कि उन्हें क्यों हटाया जा रहा है, जाहिर है किसी भी कंपनी का ये तरीका भले ही उसके अपने लिए फायदेमंद हो, लेकिन हटाए गए लोगों के लिए ये वाकई किसी सदमे से कम नहीं होता, हालांकि निजी कंपनियों में काम करने वाले पत्रकारों को इस तरह के हालातों का कई बार सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद भी वे अपने भविष्य की चिंता करते हुए खामोश हो जाते हैं, जबकि ये वही पत्रकार होते हैं जो टीवी स्क्रीन पर दूसरों को इंसाफ दिलाने के लिए शेर की तरह दहाड़ते हुए दिखाई देते हैं ।