नई दिल्ली : न्यायालय ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक को दी अंतरिम जमानत
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शिमला के कोटखाई में पिछले साल एक नाबालिग छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना में गिरफ्तार एक व्यक्ति की हिरासत में मौत की घटना से जुड़े मामले में आरोपी पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी को शुक्रवार को एक सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत दे दी। जैदी ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के 19 जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील की थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंतरिम जमानत का जैदी का अनुरोध इस आधार पर स्वीकार किया कि उन्हें छह से आठ नवंबर तक उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चेहल्लुम की रस्म में शामिल होना है। जैदी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के जेल में रहने के दौरान ही उनकी मां का निधन हो गया था और इसलिए वह इससे संबंधित क्रियाकलापों में शामिल होना चाहते हैं।
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पीठ ने इस आधार को ध्यान में रखते हुये जैदी को अंतरिम राहत देने का आदेश दिया और कहा कि शिमला की कांडा जेल से उसे चार नवंबर की सुबह रिहा कर दिया जाये और वह 11 नवंबर को दिन में जेल के जेलर या अधीक्षक को वापस रिपोर्ट करेंगे। जैदी की नियमित जमानत याचिका पर 13 नवंबर को सुनवाई होनी है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले जैदी की अपील पर सीबीआई से जवाब मांगा था। उच्च न्यायालय ने जैदी की जमानत याचिक रद्द करते हुये कहा था कि इस समय उन्हें जमानत पर रिहा करना उचित नहीं होगा क्योंकि कथित अपराध गंभीर किस्म का है और इसकी विस्तृत जांच की आवश्यकता है। जैदी और सात अन्य आरोपियों को कोटखाई थाने में पिछले साल 18 जुलाई को हिरासत में सूरज की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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इस मामले में जांच ब्यूरो पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुका है। कोटखाई में पिछले साल चार जुलाई को 16 वर्षीय लडक़ी लापता हो गयी थी। बाद में छह जुलाई को हलैला के जंगल में उसका शव मिला था। लडक़ी के शव के पोस्टमार्टम में उसके साथ बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुयी थी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस घटना के तूल पकडऩे पर जैदी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल गठित किया गया था। इस जांच दल ने छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था जिसमे से एक की थाने में मौत हो गयी थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 19 जुलाई को दोनों मामले केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिये थे। जांच ब्यूरो ने हिरासत के इस मामले में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी और पुलिस उपाधीक्षक (ठियोग) मनोज जोशी को छह अन्य पुलिसकर्मियों के साथ गिरफ्तार किया था।
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