नई दिल्ली : कांची मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन
नई दिल्ली : कांची शंकर मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का दिल का दौरा पडऩे के बाद बुधवार को निधन हो गया। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि 82 वर्ष के शंकराचार्य ने बेचैनी की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी। हालांकि, वह लंबे समय से बीमार थे और उन्हें पिछले महीने भी सांस की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जयेंद्र सरस्वती देश के सबसे पुराने मठों में से एक के प्रमुख थे और वह काफी लंबे समय से इस पद पर आसीन थे। 1994 में वह श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल के बाद इस शैव मठ के 69वें प्रमुख बने थे। हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में अहम रोल निभाने वाले जयेंद्र सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू किया था।
जयेंद्र सरस्वती की पहल से मुफ्त अस्पताल, शिक्षण संस्थान और बेहद सस्ती कीमत पर उच्च शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय तक संचालित हैं। 2009 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके भाई विजयेंद्र समेत 23 आरोपियों को कांचीपुरम स्थित वरदराजपेरुमल मंदिर के मैनेजर शंकररमन की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि जयेंद्र के इशारे पर मंदिर परिसर में 3 सितंबर 2004 को उनकी हत्या कर दी गई। 9 साल तक चले कानूनी केस में गवाहों के आरोपियों की शिनाख्त करने में असफल रहने पर अदालत ने 2013 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।दक्षिण भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल है कांची मठ कांची मठ तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थापित है। यह पांच पंचभूतस्थलों में से एक है। यहां के मठाधीश्वर को शंकराचार्य कहते हैं। यह दक्षिण भारत के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।