बिलासपुर,: बिलासपुर विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग ने परीक्षाओं को पेपरलेस बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। नए शिक्षण सत्र 2018-19 से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यूटीडी से इसकी शुरुआत की जाएगी। परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र नहीं मिलेगा। परीक्षा हॉल में डिजीटल स्क्रीन लगा होगा, जिसमें प्रश्न डिस्प्ले होंगे। बीयू का परीक्षा विभाग परीक्षा पद्धति में सुधार को लेकर दो साल से प्रयासरत है। अब जाकर पहले चरण की सफलता हाथ लगी है। सावित्री बाई फूले यूनिवर्सिटी पुणे और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के निरीक्षण के बाद निर्णय लिया गया है कि नए सत्र से परीक्षा पद्धति में बदलाव किया जाएगा।
परीक्षार्थियों को सिर्फ पेन रखना होगा। प्रवेश पत्र और प्रश्नपत्र से मुक्ति मिलेगी। बायामेट्रिक अटेंडेंस के साथ परीक्षा हॉल में बड़ा डिजीटल
स्क्रीन लगा होगा। इसमें विषयवार प्रश्न डिस्प्ले होते रहेंगे। दावा किया जा रहा है कि परीक्षार्थियों को देखने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
परीक्षा केंद्र में आपात स्थिति में बिजली गुल या इंटरनेट की समस्या से निपटने भी पुख्ता इंतजाम होंगे। सहायक कुलसचिव सीएचएल टंडन का कहना है कि नई व्यवस्था से काफी फायदा होगा। सभी केंद्रों में शुरुआत होगी तब प्रश्नपत्र भेजने गाडिय़ों की जरूरत भी नहीं होगी।
कर्मचारियों द्वारा बीच में किसी तरह की गड़बड़ी, बंडल खुलने आदि की परेशानी भी नहीं रहेगी और कागज की बचत होगी। वर्तमान में यूटीडी में पांच विभाग हैं, जिसमें पांच सौ विद्यार्थी हैं। सबकुठ ठीक होने पर सत्र 2019-20 से संभाग के सभी कॉलेजों में इसे लागू किया जाएगा।
प्राचार्यों को मिलेगी ट्रेनिंग
परीक्षा पद्धति में सुधार को लेकर 22 जनवरी को बीयू के बिलासा सभागार में एक वर्कशॉप भी होगा। इसमें संभाग के 168 कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाया गया है। वर्कशॉप में देश के चुनिंदा संस्थानों के एक्सपर्ट भी पहुंचेंगे। परीक्षा पद्धति में सुधार को लेकर वे नए आइडियाज देंगे। इसके अलावा देश के जिन यूनिवर्सिटी में इस सिस्टम को अपनाया गया है, उसके बारे में अवगत कराया जाएगा।
सिस्टम ऐसे करेगा काम
परीक्षा विभाग सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार करेगा। परीक्षा से ठीक पहले केंद्राध्यक्षों को प्रश्नपत्र ऑनलाइन अधिकृत ई-मेल पर भेजा जाएगा। केंद्र में एक्सपर्ट की टीम मौजूद रहेगी। परीक्षा शुरू होने से ठीक 15 मिनट पहले इस मेल को खोला जाएगा। खास बात यह है कि इसका पासवर्ड केंद्राध्यक्ष को उसी समय पता चलेगा।
हर पेपर का अलग-अलग पासवर्ड होगा। इसके बाद प्रश्नपत्र ऑटोमेटिक डिस्प्ले बोर्ड में नजर आने लगेगा। परीक्षा का निर्धारित समय समाप्त होने के बाद डिस्प्ले बंद होने के साथ ही प्रश्न व गोपनीयता से जुड़े डेटा डिलीट हो जाएंगे। केवल गोपनीय विभाग के पास इसका डेटा रहेगा।
ईसी से अनुमति जरूरी
परीक्षा विभाग ने भले ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लागू करने तैयार है, लेकिन बिना विद्या परिषद और कार्यपरिषद की अनुमति से इसे लागू करना असंभव है। परीक्षा विभाग के अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि प्रोजेक्ट पर काम हो चुका है। प्रस्ताव भी तैयार है। अनुमति के बाद ही इसे लागू करेंगे। फरवरी या मार्च में बैठक संभव है।
इंदौर में पूरा खाका
बिलासपुर विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ.प्रवीण पाण्डेय और सहायक कुलसचिव परीक्षा श्री टंडन इंदौर गए हुए हैं। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने
बताया कि परीक्षा पद्धति में सुधार आज उच्च शिक्षा की पहली मांग है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय वर्कशॉप में देशभर के यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया है। डिस्प्ले सिस्टम को लागू किया जाएगा, इसके लिए सभी प्रयासरत हैं।
– डिजीटल स्क्रीन पर प्रश्नपत्र डिस्प्ले करने की योजना है। यूटीडी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू करेंगे। 22 को प्राचार्यों के लिए स्पेशल वर्कशॉप आयोजित है, ताकि वे तैयारी कर सकें। इससे छात्रों और यूनिवर्सिटी दोनों को सहुलियत होगी। गोपनीयता व सुरक्षा को बल मिलेगा। – डॉ.प्रवीण पाण्डेय, परीक्षा नियंत्रक, बिलासपुर विश्वविद्यालय
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