बीजापुर : बस्तर में परिवर्तन का दौर जारी है और महिला दिवस के अवसर पर यह भी एक विशेष तथ्य है कि संभाग के सर्वाधिक नक्सली प्रभावित बीजापुर जैसे आतंक के गढ़ में माओवादियों को महिलाएं कड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। बीजापुर जिले के चारों विकासखंण्डों में महिलाएं अग्रणी बनकर उभरी है।
बीजापुर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जमुना सकनी ने अपना पदभार संभालने के साथ महिलाओं को आगे आने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन भी वहीं जिले के भैरमगढ़ विकास खंण्ड में श्रीमती सरिता जनपद पंचायत के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल रही। इसी प्रकार अन्य विकासखंण्डों में भी महिलाओं ने भी अपना दबदबा पूरे क्षेत्र में बनाया हैं। इस क्षेत्र में पुरूषों के साथ-साथ अभी तक नक्सलियों से संघर्ष करने में महिलाएं सामने नहीं आ रही थी।
किन्तु इन महिलाओं के नेतृत्व में नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों के जवानों पर लगातार होते आक्रमण से व्यथित होकर महिला कंमाडों ने भी नक्सलियों से सामना करने के लिए सुरक्षाबलों व पुलिस में भर्ती होकर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्शायी है और अपने टे्रनिंग के पश्चात वे नक्सलियों के विरूद्ध पुरूषों के सथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष छेड़े हुये हैं। ऐसा ही उदाहरण गत दिनों क्षेत्र में दिखाई दिया। जिले के भैरमगढ़ में ग्राम किंडो में नक्सलियों ने गत दिनों एक पुल में बम ब्लास्टर कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को आने-जाने में बहुत तकलीफ हो रही थी । इस पुल को पुन: बनाने महिला कंमाडो ने अपनी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की और एक सप्ताह में ही अपनी सुरक्षा के तले पुल को बनवा दिया। इससे महिलाओं की भागीदारी न केवल परिवार में वरन क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध हो रही है।