बेमेतरा : पशु क्रूरता के अपराध पर दंड प्रावधान
बेमेतरा : पशुओं हेतु समुचित उपबंध न किए जाने की अवस्था में दंड प्रावधान हेतु विशेष नियम/अधिनियम बनाये गए है। छत्तीसगढ़ शासन के पशुधन विकास विभाग द्वारा जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को प्रेषित पत्र में उल्लेखित किया गया है कि कई पशुपालकों द्वारा पशुओं हेतु खाने-पीने एवं आश्रय की समुचित व्यवस्था नहीं की जाती है। उक्त कृत्य पशु क्रूरता के अपराध की श्रेणी में आते है, जिसके लिए दंड का भी प्रावधान है। इस प्रकार के प्रकरणों पर युक्तियुक्त कार्यवाही हेतु विशेष नियम/अधिनियम प्रचलन में है। पशुओं के प्रति कू्ररता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (एच) में उल्लेख अनुसार किसी भी पशु मालिक के द्वारा उनकी अभिरक्षा में रखे गए पशुओं को पर्याप्त पोषण आहार, पेयजल एवं शेड उपलब्ध नहीं कराने की दशा में उनके विरूद्ध अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार भारतीय दंड संहिता की धारा 429 के अनुसार 50 रूपए के अधिक मूल्य के विभिन्न पशुओं अथवा कृषिक पशुओं का वध एवं अत्याचार करने के दोषी पाए जाने पर अधिकतम पांच वर्ष का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले के सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला बेमेतरा को शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए जिले में पशु क्रूरता के प्रकरणों के त्वरित व प्रभावी निपटारे हेतु उक्त प्रावधानों का समुचित उपयोग करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। साथ ही अपने-अपने क्षेत्राधिकार में पशु क्रूरता पर दंड प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने निर्देशित किया।