मप्र: 12 घंटे तक चली नाबालिग के अबॉर्शन की प्रक्रिया, 19 हफ्ते का भ्रूण निकाला
इंदौर: खंडवा की नाबालिग रेप पीड़िता का शनिवार को गर्भपात हो गया। हाईकोर्ट के आदेश पर 24 घंटे के भीतर तीन डॉक्टरों की टीम ने आनन-फानन में सारी जांच कराई और उसका अबॉर्शन किया, डॉक्टरों के मुताबिक अगर चार दिन और देरी हो जाती तो भ्रूण को निकालना मुश्किल हो जाता ।
पीड़िता की नहीं हो सकती थी सर्जरी
दरअसल शुक्रवार की सुबह 10 बजे उसे अस्पताल में भर्ती कर जांचें शुरू कर दी गई थीं। नाबालिग होने के चलते नियमों के मुताबिक सीधे सर्जरी नहीं हो सकती थी, इसलिए कृत्रिम प्रसव पीड़ा शुरू कर गर्भपात कराना पड़ा । शाम चार बजे उसे पहली गोली दी गई… दर्द शुरू नहीं हुआ तो शाम 8 बजे दूसरी गोली… फिर रात 12 बजे फिर एक और गोली दी गई। सुबह 4 बजे उसने मृत भ्रूण को जन्म दिया ।
असहनीय दर्द के बावजूद चिल्लाई तक नहीं पीड़िता
लेकिन डॉक्टर तब हैरत में पड़ गए जब असहनीय दर्द के बावजूद भी नाबालिग पीड़िता न चिल्लाई और न कुछ बोली । बताया जा रहा है कि इस घटना का उस पर इतना असर है कि वो गुमसुम हो गई है । डॉक्टरों ने बताया कि दर्द की वजह से पीड़िता को बुखार आ गया है। 48 घंटे बाद छुट्टी दे दी जाएगी।
डीएनए टेस्ट के लिए रखा गया भ्रूण संरक्षित
डीएनए परीक्षण के लिए मृत भ्रूण को संरक्षित कर लिया गया है। जबलपुर हाईकोर्ट के एडवोकेट पराग चतुर्वेदी ने कहा ये केस के लिए अहम सबूत होगा ।