
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाला मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता और रजेनेश सिंह के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कर ली गई है. दूसरी एफआईआर भी ईओडब्ल्यू ने ही दर्ज की है. भारतीय टेलीग्राफ एक्ट के तहत दोनों ही आईपीएस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आईपीएस मुकेश गुप्ता पर ईओडब्ल्यू प्रमुख रहते हुए नान घोटाला मामले में जांच प्रभावित करने का आरोप है.
आईपीएस मुकेश गुप्ता व रजनेश सिंह के खिलाफ नान घोटाला मामले में पहली एफआईआर बीते सात फरवरी को दर्ज की गई थी. इस एफआईआर में दोनों ही आईपीएस अधिकारियों पर फोन टैपिंग का आरोप है. इसके बाद दोनों ही अफसरों को 8 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 11 फरवरी को इनके खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है.
बता दें कि कथित 36 हजार करोड़ रुपये के नान घोटाला मामले में नई सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. आईपीएस दीपक झा को एसआईटी का प्रभारी बनाया गया है. एसआईटी दीपक झा सहित चार सदस्यों को रखा गया है. गौरतलब है कि 12 फरवरी 2015 को छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक व राजनीतिक गलियारों में भूचाल मच गया था. इसी दिन एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा. इस कार्रवाई में करोड़ों रुपयों के साथ ही भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज़, हार्ड डिस्क और डायरी भी जब्त की गई थी.