छत्तीसगढ़रायगढ़

हाथी प्रभावित क्षेत्रों में चलाया जा रहा जन-जागरूकता अभियान

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए जन-जागरूकता लाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें जंगली हाथियों के समूह के आगमन की पूर्व सूचना गांव में वायरलेस, मोबाइल तथा माइक आदि के माध्यम से मुनादी कर दी जा रही है। हाथी विचरण क्षेत्र और आसपास के ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाए रखने के लिए आवश्यक समझाईश भी दी जा रही है। साथ ही वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जन-धन हानि से प्रभावित परिवारों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मुआवजा के अलावा स्व-रोजगार आदि से जोड़कर उन्हें राहत पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही.श्रीनिवास राव ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन एवं पानी तथा हाथियों के रहवास के लिए अनुकूल होने के कारण हाथियों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप वनांचलों तथा हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद की स्थिति निर्मित होती है। इसके नियंत्रण के लिए विभाग द्वारा जन, धन एवं फसल हानि के मुआवजा प्रकरणों पर कार्यवाही करने के साथ-साथ प्रभावित गांवों में हाथी मित्र दल का गठन, जन-जागरूकता कार्यक्रम तथा हाथियों के प्राकृतिक रहवास में सुधार जैसे अनेक कार्य तत्परतापूर्वक जारी है। साथ ही जन हानि की दशा में प्रभावित परिवार के लोगों को वन विभाग द्वारा स्व-रोजगार से जोड़ने आवश्यक पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के अवसर पर राज्य में जन-जागरूकता संबंधी विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

एआई आधारित छत्तीसगढ़ एलीफेंट ट्रैकिंग एण्ड अलर्टएप विकसित:-

छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों के मूवमेंट की हाईटेक मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है। इसके लिए एआई आधारित ‘छत्तीसगढ़ एलीफेंट ट्रैकिंग एंड अलर्ट एप’ विकसित किया गया है। पिछले 3 महिनों से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में इस ऐप का उपयोग किया जा रहा है। 10 किलोमीटर के इलाके में हाथियों के रियल टाईम मूवमेंट का अलर्ट ग्रामीणों के मोबाइल पर सफलतापूर्वक भेजा रहा है। इस एप में ग्रामीणों के मोबाइल नंबर और जीपीएस लोकेशन का पंजीयन किया जाता है। जब एलीफैंट ट्रैकर्स द्वारा हाथियों के मूवमेंट का इनपुट एप पर दर्ज किया जाता है, तो एप द्वारा स्वचालित रूप से ग्रामीणों के मोबाइल पर अलर्ट जाता है।

छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए वन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) और वन्यजीव विंग द्वारा संयुक्त रूप से इस एप को विकसित किया गया है। यह एप एलीफैंट ट्रैकर्स (हाथी मित्र दल) से प्राप्त इनपुट के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई पर काम करता है। इस एप का उद्देश्य हाथी ट्रैकर्स द्वारा की जाने वाली ‘मुनादी’ के अलावा प्रभावित गांव के प्रत्येक व्यक्ति को मोबाइल पर कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप अलर्ट के भेजकर हाथियों की उपस्थिति के बारे में सूचना पहुंचाना है। इस तरह विभाग द्वारा जंगली हाथियों के साथ साहचर्य हेतु ग्रामीणों में जनजागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं ग्रामीणों को शिक्षा तथा उनके साथ द्वंद से बचने के लिए उपायों को आदान-प्रदान करने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button