रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को 20 साल पूरा हो चुका है. लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) क्षेत्र में नक्सलियों ने पहली बार 14वें स्वतंत्रता दिवस (15th August 74th Independence day) के दिन काला झंडा (black Flag) नही फहराया. इसे एक बड़ी कामयबी के रूप में देखा जा रहा है. पुलिस अधिकारी इसका कारण माओवादियों की ग्रामीणों में कम होती पकड़ और और सुरक्षाबलों के प्रति बढ़ता विश्वास बता रहे हैं ।
शानिवर को 74 वें स्वतंत्रता दिवस (74th Independence day) पर पिछले नक्सलियों ने अपने पकड़ वाले करीब 400 गांवों में काला झंडा नही फहराया. माओवाद विरोधी ऑपरेशन्स में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह विगत कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीणों का भरोसा जीतने की लगातार कोशिश का परिणाम है.
इसके साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस द्वारा माओवादियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई और मानवाधिकार हनन की घटनाओं में आई कमी ने भी नक्सलियों को रक्षात्मक तरीका अपनाने को मजबूर कर दिया है. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों में स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के प्रति अभूतपूर्व उत्साह भी दिखा. यह एक बहुत ही सकारात्मक बदलाव है जो स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा बलों और ग्रामीणों के बीच बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.
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