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नईदिल्ली: संसद में पेश होगा आम बजट, पूरे देश की होंगी नजरें

नई दिल्ली ,   पूरे देश की नजरें आने वाले बजट पर लगी हुई है। हर कोई यह जानना चाहता है कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे से क्या कुछ निकल सकता है। आइए हम आपको बताते है कि हर क्षेत्र को पेश होने वाले से क्या उम्मीदें है।
लोकसभा में आज एक फरवरी यानि गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली जीएसटी लागू होने के बाद इसके आधार पर अपना पहला आम बजट पेश करेंगे, जिस पर आम आदमी को इस बजट में क्या मिलेगा और क्या ऐसा होगा जो उसके हाथ से छूट जाएगा, इस पर कयासों और अनुमानों के आधार पर नजरें लगी होंगी। आम से लेकर खास लोगों ने बजट से कई उम्मीदें पाली हैं। इन उम्मीदों में से कितनी सच होती हैं, यह 1 फरवरी को पता चलेगा। फिलहाल जानिए लोगों को इस बार बजट से क्या उम्मीदे हैं।
टैक्स स्लैब्स
आयकर पर मिलने वाली छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया जाए। आयकर के मौजूदा टैक्स स्लैब्स में बदलाव कर छूट को बढ़ाया जाए। इसके लिए जहां फिलहाल 10 फीसदी टैक्स लगता है, उसे 5 से 7 फीसदी किया जाए।
घर खरीदना और जीएसटी
होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाया जाए ताकि घर खरीदने में होने वाला खर्च कम हो सके। स्टांप ड्यूटी में भी राहत मिले। रियल इस्टेट जीएसटी के तहत आए। इससे घर खरीदना सस्ता हो सकता है। जीएसटी टैक्स स्लैब को कम किया जाए और इसे छोटे कारोबारियों के लिए आसान किये जाने का इंतजाम हो।
रोजगार
देश में रोजगार के ज्यादा मौके पैदा हों। इसके लिए रोजगार नीति लाई जाए। नया कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहन मिले, ताकि नए रोजगार पैदा हों।
पेट्रोल-डीजल
पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए ताकि बढ़ती कीमतों से राहत मिले। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का पुख्ता इंतजाम बजट में हो।
सेविंग्स
सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली  छूट को 2 लाख से ज्यादा कर दिया जाए। इस स्कीम में मौजूदा स्कीम के अलावा लॉ रिस्क बॉन्ड स्कीम को भी शामिल किया जाए।
कारों पर कम किया जाए जीएसटी
कारों पर लगने वाली जीएसटी रेट को कम किया जाए। ताकि इन्हें खरीदना सस्ता हो। इलेक्ट्रकि कारों को बढ़ावा देने के साथ ही इन पर लगने वाले जीएसटी रेट को 5 फीसदी रखें।
रेलवे
रेलवे से सफर सुरक्षति करने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के अलावा अन्य इंतजाम किए जाएं। रेल टिकट बुक कराना सस्ता हो तथा ऑनालाइन बुक करने पर कुछ इंसेंटिव मिले।
स्वास्थ्य
कंपनियों की तरफ से दिए जाने वाले मेडिकल अलाउंस पर टैक्स छूट बढ़े ताकि कंपनियां कर्मचारियों को ज्यादा अलाउंस दें। निजी अस्पतालों को जवाबदेह बनाया जाए और बेतहाशा स्वास्थ्य खर्च को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जाएं।
वरष्ठि नागरिक
पेंशन प्लान को टैक्स फ्रेंडली बनाया जाए और एनपीएस पर मिलने वाली टैक्स छूट का दायरा बढ़े। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर सीमा को बढ़ा दिया जाए।
शिक्षा
एजुकेशन लोन की ब्याज दर पर मिलने वाली छूट को मौजूदा 8 साल से बढ़ाने की जरूरत है। देश में शक्षिा क्षेत्र की हालत सुधारने के लिए बजट आवंटन बढ़े ताकि सर्व शक्षिा अभयिान जैसे अभियानों को रफ्तार मिल सके।
कृषि एवं किसान
किसानों की आय दुगुनी करने के लिए पहला कदम न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के तौर पर उठाया जाए। कृष िकी बिगड़ती ििस्थत को संभालने के लिए कीटनाशकों समेत अन्य चीजों को सस्ता किया जाए।
कैशलेस लेनदेन
कार्ड से भुगतान करने पर लगने वाले एमडीआर चार्ज छूट की सीमा को 2000 के लेनदेन से ज्यादा किया जाए। रेलवे से टिकट बुक करने के दौरान एमडीआर चार्ज से आम आदमी को छूट मिले।
बीमा
टर्म, हेल्थ और होम इंश्योरेंस को अनिवार्य किया जाए, लेकनि इसके प्रीमयिम पर टैक्स छूट मिले। इंश्योरेंस खरीदने के लिए आम लोगों को प्रोत्साहति करने की खातिर कुछ प्रोत्साहन की घोषणा बजट में हो
ऑयल एंड गैस सेक्टर
ऑयल एंड गैस सेक्टर को ईएंडपी कंपनियों के लिए सेस दरों में कटौती की उम्मीद है। कंपनियों की मांग है कि सेस दरें 20 फीसदी से घटकर 10 फीसदी होनी चाहिए। नैचुरल गैस को जीएसटी में शामिल किया जाए और गाडिय़ों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती हो।
बैंकिंग-फाइनेंस सेक्टर की विशलिस्ट
बैंकिंग-फाइनेंस सेक्टर की बात करें तो इस बजट में पीएसयू बैंक रीकैप प्लान का रोडमैप आ सकता है, बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कदमों का एलान संभव है, अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए एलान हो सकते हैं, होम लोन पर टैक्स में 80 सी के तहत ज्यादा छूट मिल सकती है और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के बढ़े हुए टैक्स के टाइमलाइन का एलान हो सकता है।
ऑटो सेक्टर
ऑटो कंपनियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए, इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर इंसेंटिव मिले। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंसेंटिव से चार्जिंग स्टेशन, सॉल्यूशंस बनाने वालों को फायदा होगा। इन कंपनियों की ये भी मांग है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को टैक्स छूट मिले। नॉर्वे, फ्रांस, कनाडा जैसे कई देशों में ऐसी टैक्स रियायतें मिलती भी हैं। जेएनएनयूआरएम के तहत बस खरीदने के लिए ज्यादा ऑर्डर मिले। खेती पर फोकस से फार्म इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा।
मेटल सेक्टर
बजट से मेटल सेक्टर की उम्मीद है कि कोकिंग कोल, आयरन ओर इंपोर्ट पर ड्यूटी हटे, एल्युमीनियम इंपोर्ट पर ड्यूटी बढ़े। कोकिंग कोल, स्क्रैप, आयरन ओर इंपोर्ट पर 2.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी हटे। ड्यूटी हटी तो घरेलू स्टील कंपनियों की लागत घटेगी।  एल्युमीनियम पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10-12.5 फीसदी हो। एल्युमीनियम पर ड्यूटी बढऩे से हिंडाल्को वेदांता, नाल्को को फायदा होगा।

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