चैत्र नवरात्र 2018 : करें शुभ मुहूर्त में घट स्थापना
चैत्र नवरात्र की शुरुआत 18 मार्च (रविवार) से हो रही है। नवरात्र पर घर और मंदिरों में कलश (घट) स्थापना की जाती है। माता की कृपा के लिण् सही समय पर घट स्थापना करना जरूरी है.
हिन्दू नववर्ष रविवार से शुरू हो रहा है। साथ ही नवरात्र पूजन भी शुरू होगा। हिन्दू वर्ष के नए साल विक्रमी संवत 2075 के राजा सूर्य और मंत्री शनि होंगे। साल के पहले दिन रविवार 18 मार्च को सूर्य सुबह 8 बजे उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राजा सूर्य और मंत्री शनि होने की दशा में साल के प्रारंभ से ही सत्ता परिर्वतन की घटनाएं होंगी और सत्ता को लेकर संघर्ष भी होगा। कठोर निर्णय, प्रजा में असंतोष, सर्राफा कारोबार में उछाल, तेल के मूल्यों में कभी गिरावट तो कभी उछाल रहेगा। विस्फोट, अग्निकांड की घटनाओं से जन धन की हानि होगी। ग्रहानुसार सभी जातकों पर शुभाशुभ प्रभाव रहेगा। ज्योतिषाचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार सूर्य और शनि परस्पर व्यवहार के कारण ये विरोधीकृत नव संवत्सर हैं.
शुभ मुर्हूत पर करें घट स्थापना
नवरात्र पर मंदिरों के साथ ही घरों में शुभ मुहूर्त पर घट स्थापना की जायेगी। इस बार घटस्थापना का शुभ समय सुबह 7:34 से 12:48 बजे तक है। सामान्य रूप से सुबह 7:34 बजे से बाद घट स्थापना की जा सकती हैं। सुबह 9:48 से रात्रि 11:18 बजे तक समय लाभ की चौघड़िया, 11:18 से दोपहर 12:48 बजे का समय अमृत की चौघड़ियां का है। मां भगवती के 9 रूप, शैलपुत्री, ब्रहमचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
ग्रहण की स्थिति
विक्रम संवत् 2075 में विरोधकृत संवत्सर में तीन सूर्यग्रहण एवं दो चंद्रग्रहण होंगे। तीनों सूर्यग्रहण भारत दिखाई नहीं देंगे। दो चंद्रग्रहण में से केवल एक चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, जो आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन 27 जुलाई 2018 होगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य एवं मान्य होगा।