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छत्तीसगढ़ में बाहरी राज्यों से पहुंच रही नकली दवाएं, सात ब्रांड जांच में फेल, विभाग ने जारी किया अलर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नकली और अमानक दवाओं की आपूर्ति लगातार चिंता का विषय बनती जा रही है। हाल ही में खाद्य एवं औषधि विभाग Fake medicines are reaching Chhattisgarh from other states, seven brands fail in the test, department issued alert
की गई जांच में यह सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात और असम से आ रही कुछ दवाएं नकली या घटिया गुणवत्ता की हैं। बीते तीन महीनों में विभाग ने 100 से अधिक दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे, जिनमें से सात सैंपल फेल हो गए हैं। ये दवाएं मुख्य रूप से बुखार, डायबिटीज और एंटीबायोटिक इलाज में उपयोग की जाती हैं।

मरीजों के लिए खतरे का संकेत

जांच में सामने आया कि जिन रोगों के इलाज के लिए यह दवाएं दी जा रही थीं, उनका असर मरीजों पर नहीं हो रहा था। विभाग के अनुसार, इन दवाओं का इस्तेमाल न सिर्फ रोग को ठीक करने में नाकाम रहा, बल्कि यह मरीजों को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए इन दवाओं के विशेष बैच नंबर को छत्तीसगढ़ में बैन कर दिया गया है और कंपनियों को तत्काल दवाएं बाजार से वापस लेने का निर्देश दिया गया है।

नकली दवाओं का नेटवर्क कैसे काम करता है

एक ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दवा निर्माण इकाइयां बहुत कम हैं, जिससे बाहरी राज्यों के लिए यह राज्य एक आसान लक्ष्य बन जाता है। हर साल करीब सौ करोड़ रुपये की नकली या मिलावटी दवाएं यहां पकड़ी जाती हैं। विभाग समय-समय पर संबंधित राज्यों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करता है, लेकिन अक्सर सिर्फ औपचारिक कार्यवाही होती है, जिससे यह अवैध कारोबार कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है।

ऐसे पकड़ी गईं नकली दवाएं

राज्य में प्रत्येक ड्रग इंस्पेक्टर को हर महीने कम से कम दो सैंपल जांच के लिए भेजने होते हैं। इसी प्रक्रिया में जिन सात दवाओं के सैंपल फेल हुए, उनमें से कुछ में सक्रिय औषधीय तत्वों की मात्रा कम पाई गई, तो कुछ में लेबल की जानकारी ही गलत पाई गई।

इन कंपनियों की दवाएं जांच में फेल पाई गईं:

रिकसॉन रेमेडीज, पंजाब

ब्रिंदावन ग्लोबल, हिमाचल प्रदेश

क्यूक्सोटिक फार्मा, पंजाब

आईएचईएएल फार्मास्युटिकल, हिमाचल प्रदेश

इनोवा कैप टैब लिमिटेड, हिमाचल प्रदेश

ओजोन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड, असम

डिवाइन लेबोरेट्रीज, गुजरात

इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित राज्यों को पत्र भेजे गए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ के मेडिकल स्टोरों को चेतावनी दी गई है कि यदि इन दवाओं के प्रतिबंधित बैच स्टोर में पाए जाते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नकली दवा की पहचान कैसे करें

नकली दवाओं को पकड़ने का सबसे आसान तरीका है दवा की एक्सपायरी डेट और प्रभाव पर ध्यान देना। यदि दवा दो दिन में असर नहीं दिखा रही है, तो तुरंत इसकी शिकायत खाद्य एवं औषधि विभाग में करें या जांच के लिए किसी प्रमाणित प्रयोगशाला में भेजें। दवा से किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट हो, तो डॉक्टर को तुरंत जानकारी दें और उस दवा को जांच के लिए सहेज कर रखें। ब्रांडेड दवा लेते समय विश्वसनीय कंपनी का ही चयन करें।

विभाग की कार्रवाई

खाद्य एवं औषधि विभाग ने सभी संबंधित राज्यों को पत्र लिखकर प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है। साथ ही इन सात दवाओं के बैच वापस मंगवाने और मेडिकल स्टोर्स को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इस तरह की घटनाएं मरीजों की जान से जुड़ी होती हैं, इसलिए आम जनता से अपील है कि दवा खरीदते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी तुरंत विभाग को दें।

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