
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में महिला स्व सहायता समूहों को वनोत्पाद के प्रसंस्करण के माध्यम से रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। साथ ही विशेष पिछड़ी जनजातियों की बसाहटों में पीएम जनमन योजना के तहत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे आदिवासी समुदायों को जीवन स्तर सुधारने में मदद मिल रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह ने हाल ही में जिले के मंथन फूड लैब और महुआ सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने स्व सहायता समूहों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर देने के साथ ही उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए आवश्यक सहयोग देने के निर्देश दिए। सचिव ने बताया कि ऐसे प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।
मनोरा विकासखंड के करडेगा और छतौरी पंचायत के दौरे के दौरान सचिव ने जनमन योजना के अंतर्गत पहाड़ी कोरवा परिवारों के लिए बनाए गए पीएम जन-मन आवासों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने इन परिवारों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही महिलाओं को स्व सहायता समूहों से जोड़कर उनकी आजीविका बढ़ाने के प्रयासों को भी तेज करने का निर्देश दिया गया।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मनोरा और बगीचा विकासखंड में पहाड़ी कोरवा समुदाय के समग्र विकास के लिए एक नई परियोजना प्रारंभ की जा रही है, जिससे इन जनजातीय परिवारों को स्थायी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
जिले में ‘जसप्योर’ ब्रांड के तहत महुआ लड्डू, महुआ चाय सहित 14 प्रकार की चाय जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिनकी मांग राज्यभर में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी तेजी से बढ़ रही है। इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी की जा रही है जिससे स्थानीय समूहों को बेहतर बाजार और लाभ मिल रहा है।
सचिव के दौरे के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी, पोषित मां खुड़िया रानी कृषक उत्पादक संगठन और जय जंगल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इन सभी प्रयासों से जशपुर जिले में महिला सशक्तिकरण और जनजातीय विकास की नई राह तैयार हो रही है।