
रायपुर। खैरागढ़-गंडई-छुईखदान जिले में 2 जुलाई की शाम एक दर्दनाक हादसे ने कई परिवारों की शाम स्याह कर दी। खेत से घर लौट रहे मजदूरों को ले जा रही तेज रफ्तार पिकअप वाहन ग्राम बोरई के पास उदयपुर रोड मोड़ पर पलट गई। इस हादसे में 24 मजदूर घायल हो गए, जिनमें तीन की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पिकअप की रफ्तार काफी अधिक थी और मोड़ पर समय पर ब्रेक न लगने के कारण वाहन असंतुलित होकर पलट गया। मजदूरों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालकर अस्पताल तक पहुंचाया।
इलाज में भी लापरवाही का आरोप
घायल मजदूरों का आरोप है कि अस्पताल में उन्हें समुचित इलाज नहीं मिला। उन्होंने बताया कि रात में डॉक्टर ने बस एक बार जांच की और उसके बाद कोई स्वास्थ्यकर्मी उन्हें देखने नहीं आया। बीएमओ और जिम्मेदार डॉक्टरों की गैरमौजूदगी ने इलाज को और मुश्किल बना दिया।
सवालों के घेरे में व्यवस्था
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और ग्रामीण परिवहन व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। मालवाहक वाहनों में मजदूरों की ढुलाई अब गांवों में आम हो चली है, जो कि स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
ग्रामीणों की मांगें
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
हादसे वाले मोड़ पर स्पीड ब्रेकर लगाया जाए।
सभी घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
लापरवाह चालक पर सख्त कार्रवाई की जाए।
यह हादसा न सिर्फ एक वाहन पलटने की घटना है, बल्कि यह एक बड़ा संकेत है कि अगर अब भी परिवहन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी — और सबसे ज्यादा भुगतना पड़ेगा आम मजदूरों को, जो रोज़ी-रोटी की तलाश में अपनी जान जोखिम में डालते हैं।