मोबाइल लोन के नाम पर करोड़ों का जाल: रायपुर में 15 लाख की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार
रायपुर में 15 लाख की ठगी करने वाला शातिर आरोपी सिमरन जीत सिंह अजमानी उर्फ लवली गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मोबाइल फोन फाइनेंस कराने के नाम पर लोन दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी सिमरन जीत सिंह अजमानी उर्फ लवली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से कुल 16 नग आईफोन जब्त किए गए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत ₹15 लाख से अधिक बताई जा रही है।
कैसे करता था ठगी?
सिमरन जीत सिंह अजमानी फर्जी तरीके से लोगों को यह कहकर फंसाता था कि उनके नाम से मोबाइल फोन फाइनेंस करा कर उन्हें लोन दिलवाएगा। इसके लिए वह दो दुकानों – एक लालगंगा मॉल स्थित और दूसरी भाटागांव स्थित क्रोमा – में पीड़ितों को लेकर जाता, फॉर्म भरवाता और नए मोबाइल के साथ उनकी तस्वीरें खींचता।
लेकिन मोबाइल पीड़ितों को देने की बजाय खुद रख लेता और लोन भी पास नहीं करता।
किस्त चुकाने की जिम्मेदारी पीड़ितों पर ही होती, जो बिना फोन पाए हर महीने ₹5,000 से अधिक की EMI भरते रहते थे।
मुख्य शिकायत से खुला मामला
प्रार्थिया महेश्वरी फुटान ने गोलबाजार थाने में शिकायत की कि उसने भी आरोपी पर भरोसा कर अपने नाम से मोबाइल फाइनेंस कराया, लेकिन न फोन मिला, न लोन। किश्तें शुरू हो गईं, और जब संपर्क किया गया, तो आरोपी ने मोबाइल बंद कर दिया। इसी आधार पर पुलिस ने धारा 318(4) BNS के तहत FIR क्रमांक 114/25 दर्ज की।
पुलिस की तगड़ी कार्रवाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और गोलबाजार थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने जांच शुरू की। आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था और फोन बंद कर पुलिस से बच रहा था।
टीम को पुख्ता सुराग मिलने के बाद सिमरन जीत सिंह अजमानी उर्फ लवली को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह कई लोगों को इसी तरह झांसे में लेकर मोबाइल फाइनेंस कराता और फोन खुद रख लेता था।
जब्त सामान और आगे की कार्रवाई
- आरोपी के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन: 16 नग iPhone
– कुल मूल्य: ₹15 लाख (लगभग)
– पुलिस अब अन्य पीड़ितों की पहचान कर रही है - – रायपुर के कई अन्य थानों में भी FIR दर्ज की जा रही हैं
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के लोन या मोबाइल फायनेंसिंग स्कीम में सतर्कता बरतें। बिना पुख्ता जानकारी और दस्तावेज जांचे कोई भी स्कीम स्वीकार न करें।