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कैसे हुई जयपाल सिंह की बेरहमी से हत्या,आरोपियों ने उगला सच

रायपुर। कांग्रेस के पूर्व विधायक चक्रधर सिदार के छोटे भाई और ग्राम सचिव जयपाल सिंह की बेरहमी से हत्या का मामला सामने आया है। जयपाल को जान से मारने की सुपारी जेल में बंद एक युवक ने दी थी, जिसने अपने विरोधी को हटाने के लिए काले कारनामे रचे।

क्या हुआ?

7 जुलाई की सुबह जयपाल अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर लौट रहे थे। उसी वक्त शुभम गुप्ता नाम के युवक ने फोन करके काम के बहाने कोतबा बुलाया। शुभम के साथ दो कॉलेज के छात्र कमलेश यादव और मदन गोपाल भी थे। तीनों ने जयपाल की अपनी ही कार में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को जंगल में फेंक दिया गया।

मास्टरमाइंड कौन?

शुभम गुप्ता, जो प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास मित्र है, इस पूरी साजिश का मुख्य आरोपी है। उसका मकसद था जयपाल को हटाकर अपने फायदे के रास्ते साफ करना। हत्या का प्लान जेल में बंद शिव साहू ने बनाया था, जिसने जयपाल की पत्नी से अफेयर चलाया था। जयपाल उनके बीच में बाधा बन गया था, इसलिए उसे मारने की सुपारी दी गई।

सुपारी और रकम

करीब छह महीने पहले शिव साहू जेल से पैरोल पर निकला और शुभम गुप्ता से संपर्क किया। 1 लाख रुपए की सुपारी तय हुई। 3 जुलाई को हत्या की योजना बनी और 7 जुलाई को उसे अंजाम दिया गया। शुभम को एडवांस में 10 हजार रुपए भी मिले।

पुलिस की जांच

जयपाल 7 जुलाई से लापता था, पुलिस ने उसकी तलाश जारी रखी। 23 दिन बाद जंगल में उसकी लाश मिली। जांच में शुभम और उसके साथियों का नाम सामने आया। आरोपियों ने मोबाइल बंद कर दिया था और शव को जंगल में छुपाया था। गाड़ी की नंबर प्लेट हटाकर फरार हो गए थे। गमछा भी जला दिया गया था, जिससे कोई सबूत न मिले।

यह मामला राजनीति, प्रेम और साजिश का त्रिकोण बन गया है, जिसमें एक निर्दोष की जान चली गई। क्या यह हत्या सिर्फ एक निजी दुश्मनी थी या कहीं गहरी साजिश? आगे की जांच से ही असली सच सामने आएगा।

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