आतंक के खिलाफ पाकिस्तान की तारीफ: अमेरिका का बदला रुख, क्या है माजरा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी कोशिशों की जमकर तारीफ की है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा के बाद, 12 अगस्त 2025 को इस्लामाबाद में आयोजित अमेरिका-पाकिस्तान काउंटर-टेररिज्म डायलॉग में दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त बयान में अमेरिका ने क्षेत्र और वैश्विक शांति के लिए खतरा बने आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की “निरंतर सफलता” की सराहना की। लेकिन यह अचानक बदला रुख कई सवाल खड़े करता है।
अमेरिका-पाकिस्तान संयुक्त बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हमले और खुजदार में स्कूल बस पर बम विस्फोट जैसी आतंकी घटनाओं में मारे गए नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इसके साथ ही, अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और इसकी शाखा माजिद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि बीएलए ने 2019 के बाद से कई हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसके चलते इसे विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) संगठन घोषित किया गया।
असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा
जनरल असीम मुनीर की दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा ने इस तारीफ की पृष्ठभूमि तैयार की। जून 2025 में उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ निजी भोज में मुलाकात की थी। हाल ही में, उन्होंने सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिला के विदाई समारोह में हिस्सा लिया और नए कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर को बधाई दी। कुरिला ने पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी प्रयासों में “शानदार साझेदार” बताया।
भारत के लिए चिंता?
यह तारीफ तब आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर तनाव चरम पर है। असीम मुनीर ने फ्लोरिडा में भारत को बांध निर्माण पर “नष्ट करने” की धमकी दी थी, जिसे भारत ने गैर-जिम्मेदाराना बताया। अमेरिका का यह रुख भारत के लिए सवाल उठाता है, खासकर जब वह पाकिस्तान को पहले आतंकवाद प्रायोजक देश मानता रहा है। भारत ने इस तारीफ को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिका की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की यह तारीफ भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकती है। पाकिस्तान की अफगानिस्तान और मध्य एशिया में रणनीतिक स्थिति, और चीन के साथ उसके संबंध, अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, ट्रंप प्रशासन क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान का सहयोग चाहता है। हालांकि, यह रुख भारत-अमेरिका संबंधों पर असर डाल सकता है, खासकर जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है।