ओलंपिक चैंपियन से हवालात तक: सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, ज़मानत रद्द

देश को ओलंपिक में दो बार मेडल दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में उन्हें ज़मानत पर मिली राहत खत्म कर दी है। शीर्ष अदालत ने सुशील को सात दिन के भीतर सरेंडर करने का सख्त निर्देश दिया है।
यह फैसला उस वक्त आया जब मृतक सागर के पिता अशोक धनखड़ ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई ज़मानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका आरोप था कि सुशील कुमार गवाहों को डराने और परिवार पर समझौते का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाई प्रोफाइल केस, गंभीर आरोप
4 मई 2021 की रात, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में दो गुटों में भिड़ंत होती है। गोली चलती है, हॉकी से मारपीट होती है और एक जूनियर पहलवान सागर धनखड़ बुरी तरह घायल हो जाता है। इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है। उसी केस में आरोपी हैं सुशील कुमार। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, सुशील न सिर्फ वहां मौजूद थे बल्कि घटना का वीडियो भी बनवाया, जो बाद में सामने आया।
घटना के बाद 18 दिनों तक फरार रहे सुशील कुमार, जिनकी तलाश में दिल्ली पुलिस ने चार राज्यों में छापेमारी की। अंततः उन्हें मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया — जब वो एक खिलाड़ी से ली गई स्कूटी पर नकदी लेने पहुंचे थे।
ज़मानत पर रिहा, लेकिन…
चार साल जेल में बिताने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दी थी, 50 हजार के निजी मुचलके और शर्तों के साथ। लेकिन इस राहत को अब सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। मृतक सागर के परिवार का कहना है, “जब-जब सुशील बाहर आया, उसने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। अब फिर से हमारे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है।”
कभी देश का गौरव, अब हत्या का आरोपी
सुशील कुमार का नाम देश के सबसे बड़े पहलवानों में रहा है। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारत का नाम रौशन किया था। लेकिन आज वो एक हत्या के मामले में आरोपी हैं, और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उन्हें अब फिर से जेल जाना होगा।