“सेवा भाव ही असली स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है” — स्वास्थ्य मंत्री

रायपुर। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार संसाधन उपलब्ध करा सकती है, लेकिन उसे सशक्त और प्रभावशाली बनाने के लिए डॉक्टर्स और नर्सेस को अपने भीतर सेवा भाव को जागृत करना होगा। यह बात स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज नया रायपुर स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल में आयोजित 31वें स्टूडेंट नर्सिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के द्विवार्षिक सम्मेलन में कही।
उन्होंने नर्सिंग को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि करुणा, लचीलापन और समर्पण का प्रतीक बताया। जायसवाल ने कहा कि नर्सिंग छात्रों की यात्रा, निस्वार्थ सेवा के रास्ते पर ज्ञान और विकास की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में मंत्री ने कोविड-19 के दौरान नर्सेस द्वारा निभाई गई भूमिका को याद करते हुए उन्हें स्वास्थ्य व्यवस्था की असली रीढ़ बताया। इस अवसर पर उन्होंने टीएनएआई द्वारा प्रकाशित सम्मेलन की स्मारिका (सोवेनियर) का विमोचन भी किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में निःशुल्क हृदय ऑपरेशन से स्वस्थ हुए 4 बच्चों को ‘नवजीवन का उपहार’ देते हुए भावुक विदाई दी। कार्यक्रम में अस्पताल के चेयरमैन सी श्रीनिवासन, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.के. पात्रा, टीएनएआई पदाधिकारी और नर्सिंग छात्राएं उपस्थित रहीं।