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रूस युक्रेन युद्ध में जमकर पैसे बना रहा है अमेरिका ?

रूस-यूक्रेन युद्ध का सबसे बड़ा आर्थिक और सामरिक फायदा अमेरिका को हुआ है। अमेरिकी रक्षा कंपनियों का मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा, जबकि भारत-चीन ने रियायती रूसी तेल से भी काफी बचत की, मगर यह अमेरिकी हथियार कंपनियों की आय के सामने मामूली है.
कौन कितना तेल रूस से खरीद रहा है?
- दिसंबर 2022–जून 2025 में रूस का कुल कच्चा तेल निर्यात:
- चीन: 47%
- भारत: 38%
- यूरोपीय संघ: 6%
- तुर्की: 6%
- भारत ने इस अवधि में ₹132 बिलियन (20% हिस्सेदारी) की खरीद की, जबकि चीन ने ₹193 बिलियन के सौदे किए.
- भारत और चीन ने यूरोप व तुर्की से ज्यादा तेल खरीदा; भारत ने कोई रूसी गैस नहीं खरीदी.
अमेरिका का हथियार मुनाफा
- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका के हथियार निर्यात, बिक्री और प्रॉफिट में साल दर साल जबरदस्त बढ़ोतरी हुई.
- अमेरिकी रक्षा कंपनियों का मुनाफा:
- 2024 में अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री (FMS): $117.9 बिलियन (2023 की तुलना में 45.7% ज्यादा).
- 2024 में प्रत्यक्ष वाणिज्यिक बिक्री (DCS): $200.8 बिलियन (2023 में $157.5 बिलियन, 27.6% वृद्धि).
- 2020–2024 वैश्विक हथियार निर्यात – अमेरिका का हिस्सा: 43% (2014–19 में 35% था).
- यूरोप को अमेरिकी हथियारों का निर्यात 233% बढ़ गया, जिसमें NATO देशों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है.
- निजी रक्षा ठेकेदारों की बिक्री 2024 में $318.7 बिलियन तक पहुंच गई—तीन साल में 30% से ज्यादा ग्रोथ.
- Palantir, Shield AI समेत नई टेक कंपनियों और ‘Big Five’ (Lockheed Martin, RTX, Boeing, Northrop Grumman, General Dynamics) के वैल्यूएशन और ऑर्डर कई गुना बढ़े हैं.
युद्ध में अमेरिका का फायदा क्यों?
- यूक्रेन दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना, उसके 45% हथियार अमेरिका से आए.
- यूरोपीय देशों ने अपने सैन्य खर्च, डिफेंस फंडिंग और हथियार आयात तेजी से बढ़ाए, जिससे अमेरिकी कंपनियों को अगले कई वर्षों तक सुपरमुनाफा मिलने वाला है.
- अमेरिकी डिफेंस कंपनियों ने पेंटागन के 2020–2024 में $2.4 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर के ठेके हासिल किए, यह कुल डिफेंस बजट का आधा है.
- यूक्रेन, पोलैंड, रोमानिया, जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों ने F-16, F-15, Abrams टैंक, मिसाइल, और अन्य सैन्य उपकरणों में भारी ख़रीदारी की.




