शारदीय नवरात्रि: मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व और शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा माना जाता है। इस नौ दिवसीय पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है, जो सिद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। खासकर नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है।
कहते हैं कि यदि आप अपनी किसी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं, तो शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की भक्ति और पूजा से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
मां शैलपुत्री पूजा का शुभ मुहूर्त:
पूजा का शुभ समय: सुबह 6:13 बजे से लेकर 10:22 बजे तक
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
पूजा विधि:
पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें।
चौकी पर लाल या पीले वस्त्र का आसन बिछाएं।
मां शैलपुत्री की प्रतिमा स्थापित करें।
सिंदूर अर्पित करें।
भोग और नैवेद्य चढ़ाएं।
मां शैलपुत्री की व्रत कथा पढ़ें।
मंत्रों का जाप करें।
आरती करें।
कलश स्थापना में नारियल चढ़ाना न भूलें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा से सुख, समृद्धि और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।




