ट्रंप की ‘पाक-प्रशंसा’, भारत चौंका – नोबेल नहीं मिला तो हो गए निराश!

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों पाकिस्तान प्रेम में डूबे नज़र आ रहे हैं। हाल ही में व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रंप ने पाकिस्तान की तारीफों के पुल बांध दिए। दो दिनों में दो बार पाकिस्तान के गुणगान कर चुके ट्रंप अब खुद को भारत-पाक युद्ध रोकने वाला ‘शांति दूत’ बता रहे हैं।
ट्रंप का दावा है कि उनकी पहल पर भारत-पाक युद्ध रुका और सात लड़ाकू विमान गिराए गए। वो कहते हैं, “मैंने दोनों देशों को फोन किया और धमकी दी – अगर युद्ध नहीं रुका तो कोई ट्रेड डील नहीं मिलेगी।” भारत ने उनके दावे को साफ खारिज किया, लेकिन ट्रंप अब तक पचास बार यही कहानी दोहरा चुके हैं।
इतना ही नहीं, नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर भी वे खफा हैं। उनका तंज भरा बयान, “नोबेल तो उन्हें भी मिल जाता है जिन्होंने कुछ किया ही नहीं। मैं ये पुरस्कार अपने लिए नहीं, अमेरिका के लिए चाहता था।”
इस बीच, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने UNGA में ट्रंप को “शांति पुरुष” बता डाला और नोबेल के लिए नामांकन की सिफारिश भी कर दी। अब सवाल ये है कि ट्रंप का ये ‘शांति प्रेम’ सच्चा है या एक और पब्लिसिटी स्टंट?



