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जब नौसेना अरब सागर में पहुँची और तनाव चार दिनों तक रहा — पर उलझन में खत्म हुआ युद्ध

पहलागाम में हुए सघन आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई के रूप में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की — और स्थितियाँ कुछ इस तरह बदलती रहीं कि पड़ोसी के साथ सीमाओं पर चार दिनों तक सैन्य टकराव चला। ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि मई के उस दौर में भारतीय नौसेना पहले ही अरब सागर में पहुंच चुकी थी और कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार थी — मगर अचानक शत्रु ने शांति की गुहार लगाई, और DGMO स्तर की बातचीत के बाद संघर्षविराम हुआ।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने सम्मेलन में कहा कि नौसेना की उपस्थिति और तत्परता को बहुत कम लोग जानते हैं — अगर विरोधी थोड़ी देर और कड़ा रुख अपनाता तो परिणाम भयावह हो सकते थे। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और सीमा पर भारत ने लक्षित कार्रवाई भी की। सेना ने सीमाओं पर एहतियाती तैनातियाँ बढ़ाईं और कई इंटर-सेवा व सरकारी एजेंसियाँ समन्वय में रहीं।

लक्ष्य चयन सुनियोजित था — सेना ने बड़े समूह में जाँचे गए विकल्पों में से प्राथमिकता के आधार पर अंतिम निशाने चुने। इस सबके साथ सूचना युद्ध का भी प्रभावी अभियान चलाया गया, और सैन्य नेतृत्व ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ रणनीति में सैद्धान्तिक बदलाव आ चुका है — प्रधानमंत्री के तीन स्पष्ट संदेश भी उद्धृत किए गए: (1) आतंकवादी हमले युद्ध की कार्रवाई की तरह माने जाएंगे और निर्णायक उत्तर दिया जाएगा; (2) परमाणु ब्लैकमेल स्वीकार्य नहीं; (3) आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं माना जाएगा।

पश्चिमी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के पास सीधे युद्ध छेड़ने की क्षमता सीमित है, पर वह फिर भी पीठ पीछे हमले कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आवश्यक हुआ तो ऑपरेशन सिंदूर का अगला चरण पहले से भी अधिक घातक और निर्णायक होगा। कटियार ने दोहराया कि भारत पूरी तरह तैयार है और दुश्मन को रोकने के लिए आवश्यकता अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अंत में संदेश साफ था: स्थिति नियंत्रण में वापस आई पर सतर्कता बनी रहेगी — देश ने दिखा दिया कि जरूरत पड़ी तो समुद्र से भी, ज़मीन और अन्य निर्देशों से भी तीव्र कार्रवाई की जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर ने अपनी ताकत दिखा दी; अगला कदम — अगर लिया गया — और भी निर्णायक होगा।

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