8वां वेतन आयोग बना – करोड़ों कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान!

देशभर के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है। केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही आयोग के Terms of Reference (ToR) यानी कार्य-निर्देश भी जारी हो गए हैं।
अब साफ है — कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है।
आयोग का मकसद क्या है?
सरकार का कहना है कि 8वें वेतन आयोग का उद्देश्य सिर्फ वेतन बढ़ाना नहीं, बल्कि पूरे वेतन ढांचे को न्यायसंगत, पारदर्शी और आधुनिक बनाना है।
आयोग इन बिंदुओं पर काम करेगा —
कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की समीक्षा।
राज्य सरकार, PSU और निजी क्षेत्र के वेतन ढांचे से तुलना।
राजकोष पर संतुलित प्रभाव सुनिश्चित करना ताकि सरकार पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.8 से 2.46 के बीच रह सकता है।
इसका मतलब —
अगर किसी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है,
1.82× फैक्टर पर ₹32,760 (लगभग 14% बढ़ोतरी)
2.15× फैक्टर पर ₹38,700 (लगभग 34% बढ़ोतरी)
2.46× फैक्टर पर ₹44,280 (लगभग 54% बढ़ोतरी)
हालांकि, आयोग लागू होने के बाद महंगाई भत्ता (DA) फिर से शून्य से शुरू किया जाएगा, इसलिए वास्तविक वेतन वृद्धि 13–15% के बीच रहने की उम्मीद है।
बोनस और रिटायरमेंट लाभ भी शामिल
8वां वेतन आयोग सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें बोनस, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट बेनिफिट्स और PLI सिस्टम की भी समीक्षा की जाएगी। इसका लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो आने वाले वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
कब लागू होगा नया वेतन ढांचा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयोग अप्रैल 2027 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो दीवाली 2027 तक नया वेतन ढांचा लागू हो जाएगा — यानी आने वाले वक्त में कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों को बड़ी राहत मिल सकती है।


