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पत्रकार आंदोलन को लेकर बृजमोहन के मीडिया प्रभारी ने धरमलाल पर किया तीखा हमला

रायपुर
- भाजपा कार्यालय में पत्रकारों के ऊपर हमला हुए 5 दिन बीत चुके हैं, कार्यालय के भीतर पत्रकारों से मारपीट करने वाले गुंडों पर पार्टी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसे लेकर पिछले 5 दिन से पत्रकार धरने पर बैठे हैं. पत्रकारों के ऊपर हुए हमले का असर राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिल रहा है. प्रत्येक जिलों में भाजपा के खिलाफ पत्रकार प्रदर्शन कर रहे हैं. पत्रकारों से मारपीट और सोशल मीडिया में उनके ऊपर आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने के बावजूद पत्रकार भाजपा की सारी खबर कवर कर रहे हैं लेकिन हेल्मेट लगाकर ताकि फिर से भाजपाई पत्रकारों पर हमला न कर दें.
- पत्रकारों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के मीडिया प्रभारी देवेन्द्र गुप्ता ने इस मामले को लेकर एक बार फिर भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कौशिक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पूरे मामले को गलत तरीके से हैंडल किया है. जिसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा और इसका असर पार्टी का कार्यकर्ताओं पर भी पड़ रहा है.
- देवेन्द्र गुप्ता ने कहा, “असल में ये गुलाम साहब पत्रकारों का धरना प्रदर्शन समाप्त ही नही कराना चाहते। पार्टी की फजीहत हो इन्हें क्या लेना-देना।
- इनकी तो राजनीति आका के आशीर्वाद से ही चल रही है। पत्रकारों से विवाद के बाद हो रहे धरना-प्रदर्शन से जो नुकशान भाजपा को हो रहा है उसका आंकलन ये नही कर पा रहे। प्रदेश भर में प्रदर्शन हो रहे है। खराब होते माहौल में लोकसभा चुनाव की चुनौती पहले से ज्यादा भारी पड़ेगी।
- गुलाम जी पूरा परिदृश्य सामने है। आप मोदी-शाह जी की आंखों में धूल झोंक रहे हो। अगर संगठन हित मे सोंच और थोड़ी भी समझदारी होती तो विवाद सुलझाने वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल पत्रकारों से भेट करने भेज सकते थे। पत्रकारों ने तो बातचीत का रास्ता खुला रखा हुआ है। पर कोई जाए तो सही।
- बात आगे बढ़े तो सही। मैं लिखना नही चाहता पर क्या करू, खुद को रोक नही पाता हूं। इस पूरे घटनाक्रम को जिस तरह से हैंडल किया जा रहा है पूरे कार्यकर्ता दुःखी है। उसे समझ ही नही आ रहा है यहा क्या हो रहा है,कैसे हो रहा है। उनकी पीड़ा भी सुनने वाला कोई नही है। भारी मन से कह रहा हूं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता राजनैतिक रूप से अनाथ महसूस कर रहा है.”