रायपुर
अंतागढ़ टेपकांड मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता और मंतूराम पवार द्वारा लगाई गई अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका पर आज गुरुवार को सुनवाई हुई. जिला सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है. अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा की कोर्ट में याचिका लगी थी. बचाव पक्ष से पूर्व उप महाधिवक्ता अनिल पिल्लई बचाव पक्ष से याचिका को लीड कर रहे थे. साथ में कमलेश पांडेय, प्रशांत वाजपेयी, हितेंद्र तिवारी शामिल थे. वहीं बचाव पक्ष के वकील हितेंद्र तिवारी का कहना है कि इस मामले को लेकर हम हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
दरअसल बुधवार मामले की सुनवाई टल गई थी. पंडरी थाना पुलिस द्वारा कोर्ट में डायरी पेश नहीं कर पाने के कारण डेट बढ़ाई गई थी. कोर्ट ने पंडरी थाना पुलिस को हिदायत देते हुए कल डायरी पेश करने को कहा था.
बता दें कि डॉ. पुनीत गुप्ता द्वारा यह याचिका सोमवार को जिला सत्र न्यायाधीश रामकुमार तिवारी के न्यायालय में लगाई गई थी. डॉ गुप्ता पर रायपुर के पंडरी थाना में अंतागढ़ टेपकांड मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसके चलते डॉ. गुप्ता ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है. आपकों ये भी बता दें कि एफआईआर दर्ज होने के बाद सोमवार को पुनीत गुप्ता अस्पताल पहुंचे और अपना इस्तीफा डीन को सौंप दिया. अपने इस्तीफे के साथ उन्होंने नियमानुसार 1 माह की सैलरी भी अस्पताल में जमा कराई है.
ये है पूरा मामला
साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था. वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था. भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे. नाम वापसी के अंतिम दिन मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया था. बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था. आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई. टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी.