नईदिल्ली : त्रिपुरा में बीजेपी और आईपीएफटी के बीच गठबंधन का ऐलान
सीपीएम के आरोपों की बौछार के बीच बीजेपी ने आखिरकार त्रिपुरा में राज्य की जनजातीय पार्टी इंडिजीनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया। हालांकि अभी सीटों को लेकर फैसला नहीं हो पाया है। बीजेपी के मुताबिक इसमें 1-2 दिन का वक्त लग सकता है। उधर, सीपीएम बीजेपी पर देश को तोडऩेवाली ताकतों के साथ जाने का आरोप लगा रही है। बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन के ऐलान से पहले ही सीपीएम ने यह आरोप लगाने शुरू कर दिए थे।
सीपीएम विधानसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। दरअसल, आईपीएफटी त्रिपुरा की जनजातियों की मुख्य पार्टी है, जो अलग त्रिपुरा लैंड की मांग के साथ ही बनी है। इनकी मांग है कि राज्य में जितना पहाड़ी इलाका है उसे अलग किया जाए। राज्य के मूल लोग यानी जनजाति पहाड़ी इलाकों में ही रहती है। हालांकि इस गठबंधन से पहले आईपीएफटी की तरफ से साफ कर दिया गया है कि वह सीपीएम को हराने के लिए अपने अलग त्रिपुरा लैंड की मांग को फिलहाल स्थगित कर सकते हैं।
बीजेपी खुद भी अलग त्रिपुरा लैंड के सपॉर्ट में नहीं है। गठबंधन का ऐलान करते हुए बीजेपी के त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि बीजेपी और आईपीएफटी के बीच गठबंधन हो गया है। सीट शेयरिंग और कॉमन डिक्लरेशन का ऐलान दो दिन में कर दिया जाएगा। देवधर ने कहा कि दूसरी जनजातीय पार्टियों के साथ भी हमारी बातचीत चल रही है।
त्रिपुरा बीजेपी की सोमवार को स्टेट इलेक्शन कमिटी की मीटिंग भी हुई, जिसमें कैंडिडेट्स के नाम पर चर्चा हुई। इलेक्शन कमिटी ने सभी सीटों पर कैंडिडेट्स के नामों की लिस्ट बीजेपी नेता राममाधव को सौंप दी है। ज्यादातर सीटों पर एक ही नाम हैं लेकिन कुछ सीटों पर 2 या तीन नाम हैं। बीजेपी अब दिल्ली में संसदीय बोर्ड की मीटिंग में कैंडिडेट्स के नाम फाइनल करेगी।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और आईपीएफटी के बीच अभी सीट शेयरिंग का ऐलान इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि मामला 8 और 10 के बीच अटका है। सूत्रों का कहना है कि आईपीएफटी कम से कम 10 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है जबकि बीजेपी उन्हें 8 सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए कह रही है। त्रिपुरा की 60 सीटों में से 20 सीटें जनजातियों के लिए रिजर्व है, जिनमें से अभी 19 सीटों पर सीपीएम का कब्जा है। 20 जनजाति सीटों के अलावा करीब 15 सीटों पर जनजाति वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं। बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की त्रिपुरा में तीन रैलियां और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की दो रैलियां प्लान की जा रही हैं।