चुनाव जीतने के लिए चीन-पाकिस्तान कार्ड खेल रहे हैं PM मोदी?
लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी चाइना कार्ड खेल रही है. यही नहीं, पाकिस्तान के साथ विवाद बढ़ाना भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ाने और वोटर्स को लुभाने का बीजेपी का एक दांव है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने यह गंभीर आरोप लगाया है.
अखबार में लिखे एक आलेख में कहा गया है, ’11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले भारतीय चुनावों से कुछ समय पहले ही भारत-पाकिस्तान में अदावत चरम पर पहुंच गई जब फरवरी में भारतीय अर्द्धसैनिक बलों पर फिदायीन हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक किए. भारत ने हाल में ही पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर काली सूची में डालने का प्रस्ताव रखा था. इससे ऐसा लगता है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी पाकिस्तान के साथ विवाद का इस्तेमाल अपने एक मुख्य चुनावी दांव के रूप में करना चाहती है ताकि मोदी की लोकप्रियता बढ़े और मतदाताओं को लुभाया जा सके.’
अखबार ने कहा है कि इसके पहले आमतौर पर द्विपक्षीय रिश्तों को भारत या किसी और देश में चुनावी मसला नहीं बनाया जाता, जब तक कि युद्ध जैसे हालात न बन गए हों. लेख में कहा गया है, ‘निश्चित रूप से चीन और भारत के बीच रिश्तों में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन यह किसी संकट की ओर बढ़ने जैसा नहीं है. इसके बावजूद मोदी ने चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ‘चीन कार्ड’ का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
अखबार में कहा गया है कि बीजेपी पहले चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त थी, लेकिन रोजगार में कम बढ़त जैसे तमाम घरेलू समस्याओं की वजह से इसको आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी के कई वादे पूरे नहीं हो पाए हैं, जिसकी वजह से लोगों में असंतोष है. ऐसे में मोदी जैसे अनुभवी राजनीतिज्ञ निश्चित रूप से ‘चाइना कार्ड’ जैसे तमाम कार्ड के इस्तेमाल से चूकना नहीं चाहते. यह कार्ड खासकर उत्तरी भारत में चल जाता है, जो कि चीन के साथ तथाकथित टकरावों का मुख्य मोर्चो है.’
अखबार ने कहा कि मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आ रही है, इसलिए वह वोट हासिल करने के लिए कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते. इसलिए चीन कार्ड के इस्तेमाल के साथ ही मोदी पाकिस्तान के साथ टकराव को भी बढ़ा रहे हैं. बीजेपी एक निर्धारित लक्ष्य के साथ राष्ट्रवादी भावनाओं को जगा रही है और अपने कट्टर छवि को मजबूत कर रही है. कई भारतीयों को लगता है कि पाकिस्तान के साथ टकराव में चीन ने इस्लामाबाद का पक्ष लिया है, इसलिए मोदी के लिए ‘चाइना कार्ड’ खेलने का यह अच्छा मौका है. अखबार ने कहा कि इस साल भारत का आम चुनाव काफी जटिल है और यह कहना मुश्किल है कि कौन जीतेगा.
अखबार ने कहा कि इस साल भारत का आम चुनाव काफी जटिल है और यह कहना मुश्किल है कि कौन जीतेगा. गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ कैम्प पर आतंकी हमले के 11 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. 26 फरवरी को तड़के भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट विमानों ने पाकिस्तान के कई आतंकी शिविरों पर बम गिराए.