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दंतेवाड़ा : लौह खदान अडानी को दिए जाने के खिलाफ उमड़ा जनसैलाब

दंतेवाड़ा :  छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में संचालित एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन) की 13 नंबर खदान को अडानी को दिए जाने के विरोध में आज सुबह से ही आदिवासी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में शामिल होने बस्तर के अलग-अलग इलाकों से आदिवासी पहुंच रहे हैं। जगदलपुर से भी बड़ी संख्या में आदिवासियों का समूह दंतेवाड़ा पहुंचा है। दस हजार से अधिक आदिवासी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।

प्रदर्शन को सभी दलों का समर्थन

दंतेवाड़ा के बचेली में आदिवासियों का बड़ा समूह एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेरकर प्रदर्शन कर रहा है। आदिवासियों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे, आम आदमी पार्टी, सीपीआई जैसे राजनीतिक दल भी समर्थन दे रहे हैं। बस्तर के नवनिर्वाचित सांसद दीपक बैज ने भी इस प्रदर्शन को समर्थन दिया है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि मैं ग्रामीणों के इस आंदोलन में उनके साथ हूं। दीपक बैज के मुताबिक उधोगपति अडानी के द्वारा इलाके में सड़क बनाने के नाम पर 25000 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति मिलने से पहले ही पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई।

सुबह से ही प्रदर्शन

Kirandul Tribal

 

उल्लेखनीय है कि अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने का विरोध लंबे समय से आदिवासी कर रहे हैं। इसको लेकर कई बार रैलियां भी निकाली जा चुकी हैं, इसके बाद आज सुबह से ही आदिवासियों ने एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। एनएमडीसी में तीन शिफ्ट में रोजाना काम हो होता है। पहली शिफ्ट सुबह तीन बजे से शुरू होती है. ऐसे में प्रदर्शनकारी आदिवासियों के समूह ने पहली शिफ्ट शुरू होने से पहले ही यहां प्रदर्शन शुरू कर दिया।

ड्रोन से रखी जा रही नजर

हिरोली गांव में बड़ी संख्या में नक्सली पर्चा मिलने की खबर आ रही थी। बताया जा रहा था कि नक्सली आदिवासियों के इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी ने इस प्रदर्शन को प्रायोजित किया है। फिलहाल सुरक्षा को लेकर पुलिस सतर्क है। करीब 400 की संख्या में जवान एवं महिला कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। पूरे इलाके की मॉनिटरिंग ड्रोन की सहायता से की जा रही है।

ये खबर भी पढ़ें – दंतेवाड़ा में तीन नक्‍सलियों ने किया समर्पण

दरअसल दंतेवाड़ा के बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदाराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी की डिपॉजिट-13 नंबर खदान अडानी को दिए जाने के बाद होने वाले खनन का विरोध आदिवासियों ने शुरू कर दिया है। नंदाराज पहाड़ को बचाने के लिए सर्व ग्राम पंचायत ने आंदोलन की तैयारी की है। जन संघर्ष समिति के बैनर तले आदिवासी एनएमडीसी का घेराव कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक अडानी ग्रुप ने सितंबर 2018 को बैलाडीला आयरन ओर माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड यानी बीआईओएमपीएल नाम की कंपनी बनाई और दिसंबर 2018 को केन्द्र सरकार ने इस कंपनी को बैलाडीला में खनन के लिए 25 साल के लिए लीज दे दी। बैलाडीला के डिपॉजिट 13 में 315.813 हेक्टेयर रकबे में लौह अयस्क खनन के लिए वन विभाग ने वर्ष 2015 में पर्यावरण क्लियरेंस दिया है। जिस पर एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीएमडीसी को संयुक्त रूप से उत्खनन करना था।
इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम एनसीएल का गठन किया गया था, लेकिन बाद में इसे निजी कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड को 25 साल के लिए लीज हस्तांतरित कर दिया गया। डिपॉजिट-13 के 315.813 हेक्टेयर रकबे में 250 मिलियन टन लौह अयस्क होने का पता सर्वे में लगा है। इस अयस्क में 65 से 70 फीसदी आयरन की मात्रा पायी जाती है।

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