ज्योतिरादित्या सिंधिया गिरा देंगे कमलनाथ सरकार ?

भोपाल: – मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है होली के दिन कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई हैं और अब महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी तय कर लिया है कि या तो वे खुद सीएम बनेंगे या फिर कमलनाथ को उनकी गद्दी से हटाकर ही दम लेंगे.
जी हां, दरअसल माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया का आधा परिवार भाजपा में है यानि की उनकी भुआ वसुंदरा राजे सिंधिया राजस्थान की सीएम रह चुकी है यही नहीं वे अब भी राजस्थान की बड़ी नेता मानी जाती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश मे ज्यातिरादित्या सिंधिया को कांग्रेस ने पीछे धकेल दिया है, वे लगातार अपनी ही सरकार पर हमले कर रहे थे.
इसके साथ ही उन्हें सोनिया गांधी का भी साथ नहीं मिला और सोनिया गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलने का वक्त तक नहीं दिया जिसके बाद माना जा रहा है कि उन्होने कांग्रेस की सरकार को गिराने का फैसला कर लिया है, और वे अपने बीस से ज्यादा विधायकों को लेकर बैंग्लुरू चले गए हैं.
वैसे आप जानते ही होंगे की बैंग्लुरू में किसकी सरकार है, जी हां कर्नाटक में भाजपा की सरकार है और ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा से पूरा साथ मिल रहा है, यानि कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र की तर्ज पर सीएम बनने की पूरी कोशिश में लग गए हैं.
आइए हम आपको इसका गणित बताते हैं, अगर फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीस से ज्यादा विधायक खुलकर समर्थन में हैं, लेकिन अगर किसी की ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के एक तिहाई विधायकों को तोड़ लेते हैं और भाजपा जिसके 108 विधायक हैं वह उन्हें समर्थन दे देती है तो महाराष्ट्र के तर्ज पर ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार बना सकते हैं.
हालांकि फिलहाल इसकी उम्मीद कम दिखती है, लेकिन राजनीति इसी को कहते हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया को हलके में आंकना कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों में वैसे भी कांग्रेस की हालत पतली है, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान पंजाब जैसे कुछ ही राज्य हैं जहां कांग्रेस मुकाबले में रहती है, बाकि जगह अब कांग्रेस वैसे भी भाजपा से लड़ती नजर नहीं आती, ऐसे में मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर पार्टी तोड़ देते हैं तो मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की हालत दूसरे राज्यों जैसी हो सकती है.