विदेश

वॉशिंगटन : दक्षिण चीन सागर में सैन्यीकरण को लेकर अमेरिका ने जताई चिंता

वॉशिंगटन : संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर पर चीन द्वारा सैन्यकरण की चिंताओं को उनके सामने उठाया है। वाइट हाउस ने कहा कि इसके निकट और दीर्घकालिक परिणाम होंगे। इससे पहले अमेरिकी मीडिया रिपोट्र्स में बताया गया था कि चीन ने साउथ चाइना सी में 3 जगहों पर ऐंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को तैनात किया है। रिपोट्र्स में कहा गया कि पिछले 30 दिनों के भीतर इन मिसाइलों को फेयरी क्रॉस रीफ, सूबी रीफ और मिसचिफ रीफ पहुंचाया गया है।

सैन्यकरण की चिंताओं को उनके सामने उठाया है

जब इस रिपोर्ट के बारे में वाइट हाउस की प्रवक्ता साराह सेंडर्स से पूछा गया तो उन्होंने बताया, ‘हम चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर पर किए जा रहे सैन्यकरण के बारे में जानते हैं। हमने सीधे तौर पर इससे जुड़ी चिंताओं को चीन के सामने उठाया है। इसके निकट या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।’ सेंडर्स ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि ये परिणाम क्या हो सकते हैं।

मने सीधे तौर पर इससे जुड़ी चिंताओं को चीन के सामने उठाया है

एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी इंटेलीजेंस को जानकारी मिली थी कि चीन ने पिछले महीने कुछ हथियारों को इस द्वीप पर स्थानांतरित किया है, लेकिन इसका कोई विवरण नहीं है। मिसाइलें ट्रांसफ र की गई हैं, उनमें फेयरी क्रॉस रीफ, सुबी रीफ और मिस चीफ रीफ पिछले 30 दिनों में ट्रांसफर की हैं।

चीन ने पिछले महीने कुछ हथियारों को इस द्वीप पर स्थानांतरित किया है,

चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग से जब गुरुवार को पत्रकारों ने मिसाइलों की तैनाती के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘चीन का नान्शा (स्पार्टली के नाम से जाना जाता है) द्वीप और उससे जुड़े द्वीप समूहों पर निर्विवाद संप्रभुता है।’ बता दें कि वियतनाम और ताइवान स्पार्टली द्वीप समूह पर अपना दावा करते हैं।

चुनयिंग से जब गुरुवार को पत्रकारों ने मिसाइलों की तैनाती के बारे में सवाल किया

चुनयिंग ने कहा, ‘साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियां हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए है। यह हमारा अधिकार है।’ एक तरह से मिसाइलों की तैनाती की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, ‘तैनाती किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। संबंधित पक्षों को इसे लेकर चिंतिति नहीं होना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button