राम रहीम की सजा पर विशेष अदालत में बहस पूरी

- राम रहीम को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से सजा सुनाएगा कोर्ट
- 11 जनवरी को सीबीआई ने पत्रकार हत्या मामले में राम रहीम समेत 4 को दोषी करार दिया था
- 24 अक्टूबर 2002 को घर के बाहर किया था पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला, 28 दिन बाद हुई थी मौत
पंचकूला
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम समेत सभी चार दोषियों की सजा पर सीबीआई की विशेष अदालत में बहस पूरी हो गई। जज जगदीप सिंह आधे घंटे बाद फैसला सुनाएंगे। सीबीआई ने राम रहीम को फांसी की सजा देने की मांग की है। थोड़ी देर में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को राम रहीम, निर्मल, कुलदीप और किशन लाल को दोषी करार दिया था। राम रहीम इस वक्त दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। आज सभी दोषियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी होगी।
राम रहीम को हो सकती है कम से कम उम्रकैद की सजा
कोर्ट ने राम रहीम और किशन लाल को आईपीसी की धारा 120बी, 302 का दोषी ठहराया। वहीं, कुलदीप और निर्मल को 120बी, 302 और आर्म्स एक्ट का दोषी ठहराया है। धारा 302 में कम से कम उम्रकैद और ज्यादा से ज्यादा फांसी की सजा हो सकती है। फैसले के बाद पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल ने राम रहीम को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी।
रामचंद्र के जरिए ही यौन शोषण मामला सामने आया था
साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे, उन्हीं के आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। जब वे धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला कर दिया गया। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।
ऐसे दिया गया था पत्रकार की हत्या को अंजाम
24 अक्टूबर 2002 को बाइक पर आए कुलदीप ने गोली मारकर रामचंद्र की हत्या कर दी थी। उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर किशन लाल के नाम पर था। कोर्ट ने राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का दोषी माना है।
हिंसा भड़कने का डर
मंगलवार को हरियाणा सरकार ने सीबीआई कोर्ट में याचिका दायर कर सजा की सुनवाई के दौरान राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने की मांग की थी। सरकार ने दलील दी थी कि 25 अगस्त 2017 को जब डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में लाया गया था तो डेरे के समर्थकों ने दंगा कर दिया था। कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा सुनाने की मांग मंजूर कर ली। इसके बाद सुनारिया जेल में अस्थाई कोर्ट बनाने का आदेश दिया गया।
3 जिलों में सुरक्षा कड़ी की गई
फैसले के मद्देनजर पंचकूला, रोहतक और सिरसा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रोहतक में सुनारिया जेल, पंचकूला में सीबीआई कोर्ट और सिरसा में डेरे की सुरक्षा कड़ी कर दी है। रोहतक में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की टीम पेट्रोलिंग करेगी। जेल के चारों ओर 10 नाके लगाए हैं। ड्रोन की मदद से भी नजर रखी जाएगी। सिरसा में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। 38 पुलिस नाके लगाए हैं। पंचकूला में रिजर्व आर्म्ड फोर्स तैनात की है। हाई अलर्ट जारी कर धारा 144 लागू की गई है। जिले में 14 नाके लगाए हैं।