रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रदेश के उन्नतशील किसानों की मेहनत से आज छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में अद्भुत उन्नति हुई है। छत्तीसगढ़ को चावल उत्पादन के लिए तीन बार और दलहन उत्पादन के लिए एक बार राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रदेश में धान के उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ा है। मक्के के उत्पादन में किसानों की रुचि बढ़ी है। बागवानी फसलों और सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि हुई है। किसान फूलों की खेती भी कर रहे हैं। बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर बन गया है। मुख्यमंत्री आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सामने जोरा में आयोजित राष्ट्रीय कृषि समृद्धि मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने की।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर में पिछले तीन साल पहले कृषि मेले की शुरूआत हुई है। राज्य स्तरीय मेले के रूप में आयोजित किसानों का यह महाकुंभ किसानों की भागीदारी और कृषि विभाग की सक्रियता से अब यह राष्टीय स्वरूप ले चुका है। मेले में किसान खेती किसानी की उन्नत तकनीक, कृषि में नये प्रयोगों और नवाचारों को देखते,समझते और सीखते हैं और अपने खेतों में भी अपनाते है। कृषि मेले का लाभ लाखों किसान लेते हैं। खेती की आधुनिक तकनीक सीख रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कल्पना को साकार करने आगे बढ़ रहे हैं। मेले में प्रदेश के सभी जिलों से बड़ी संख्या में किसान आते हैं। मेले में राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का मॉडल के माध्यम से जीवंत प्रस्तुतिकरण कर किसानों को समझाया जाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो किसानों को सहकारी बैकों से खेती-किसानी के लिए बिना ब्याज के ऋण दे रहा है। राज्य सरकार पांच हार्स पावर तक के सिंचाई पम्पों पर 7500 यूनिट बिजली नि:शुल्क दे रही है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष किसानों को प्रति क्विंटल 300 रूपए के मान से 2100 करोड़ रूपए का धान का बोनस दिया गया है। इस वर्ष सूखे से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत मुआवजे दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खेती-किसानी के साथ पशुपालन, डेयरी, मछली पालन और मुर्गीपालन जैसी योजनाओं से जुडऩे और योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का चावल छह राज्यों को भेजा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारे किसान सम्पन्न होंगे तभी छत्तीसगढ़ विकसित राज्य बनेगा।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृृत्व में छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों की पाठशाला के नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पाठशाला में विषय विशेषज्ञ किसानों को खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन, ड्रिप और माइक्रो सिंचाई, पेस्ट मैनेजमेंट, उन्नत बीजों के उत्पादन और स्वाईल हेल्थ कार्ड के बारे में जानकारी देते है। यह प्रशंसनीय आयोजन है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है जहां सभी किसानों को स्वाईल हेल्थ कार्ड दिए जा चुके हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हरितक्रांति, श्वेत क्रांति के समान केन्द्र सरकार ने शहद उत्पादन (गोल्डन रिवालूशन) के लिए योजना बनायी गयी हैं। इसी तरह डेयरी विकास के लिए भी केन्द्र सरकार ने आठ हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने राज्य सरकार से इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कृषि विकास की परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राष्ट्रीय कृषि मेले को किसानों का महाकुंभ बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद्यांन्न उत्पादन, दूध उत्पादन, उन्नत बीज उत्पादन, साग-सब्जी और फलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ में एकीकृत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। एकीकृत खेती के माध्यम से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि मैंने राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में पॉलीहाऊस, ग्रीनहाऊस और उन्नत बीज उत्पादन के आधुनिक तरीके देखे। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को गेहूं की खरीदी पर भुगतान की पारदर्शी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ से अपनायी गई है। हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह किसानों के प्रति संवेदनशील है। छत्तीसगढ़ में सूखे के समय किसानों को 2100 करोड़ का बोनस देकर राहत दी गई। उन्होंने ने बताया कि हरियाणा में देशी पशु नस्ल को उन्नत नस्ल परिवर्तित करने से बड़ी क्रांति आई है। वहां दुग्ध उत्पादक किसानों को एक साल में नौ करोड़ रूपए के पुरस्कार प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाते हैं। उन्होंने आगामी मार्च माह में हरियाणा में आयोजित कृषि मेले में आने का आमंत्रण छत्तीसगढ़ के किसानों को दिया। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसान कृषि मेले में जो नवाचार सीखकर जायेंगे वो उन्हें जीवन भर काम आयेंगे। मेले के माध्यम से हमारी यह कोशिश है कि किसान नवाचार को अपनाएं और आधुनिक तरीके से खेती करना सीखें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ में खेती किसानी में पिछले चौदह वर्षों में काफी विकास हुआ है।
मुख्य सचिव अजय सिंह ने कहा कि किसानों की मेहनत से राज्यगठन के बाद कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली उत्पादन और पशुधन विकास में चमत्कारिक उपलब्धियां हासिल की गई हैं। इन उपलब्धियों में राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय कृषि मेले का स्वरूप और भी अधिक व्यापक होगा। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर ने मेले के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। समारोह में कृषि विभाग की आत्मा येाजना के तहत दस किसानों को राज्यस्तरीय उत्कृृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘अन्नदाता-हमारे भाग्य विधाता‘ का विमोचन हुआ। इस पुस्तिका में किसानों की सफलता की कहानियां प्रकाशित की गई है। बस्तर जिले के कृषि विभाग द्वारा हल्बी भाषा में प्रकाशित पुस्तक ‘आमचो बाढ़ती किसानी‘ का विमोचन भी किया गया। इसमें बस्तर जिले के प्रगतिशील किसानों की चर्चा की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की वर्ष 2018 की डायरी का भी विमोचन किया गया। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों का सम्मान किया गया। किसानों को कृंिष कार्य के लिए अधिक ऋण देने के लिए जिला सहकारी बैंग दुर्ग को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। समापन समारोह के पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सभी अतिथियों के साथ कृषि मेले का अवलोकन भी किया। कृषि विभाग के सचिव अनूप श्रीवास्तव ने आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर लोकसभा सांसद रमेश बैस, राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम, डॉ. भूषण लाल जांगड़े, संसदीय सचिव तोखनलाल साहू, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष एवं विधायक देवजी भाई पटेल, छत्तीसगढ़ वनोषधि बोर्ड के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ कृषि एवं बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्याम बैस, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष खुबचंद पारख, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल के अध्यक्ष मोहन एंटी, कृृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष विशाल चन्द्राकर, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष बिशेषर पटेल, छत्तीसगढ़ हज कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद सैफुददीन, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मण्डल के उपाध्यक्ष सुभाष तिवारी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री पूनम चन्द्राकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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