देश की ताज़ा खबरें | Fourth Eye News

Nepal में युवा तूफान, Ravi Lamichhane की वापसी और सत्ता की नई पटकथा!

नेपाल की राजनीति में इन दिनों सस्पेंस और ड्रामा किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद सियासी गणित पूरी तरह पलट गया है। लेकिन असली ट्विस्ट तब आया, जब जेल की सलाखों के पीछे बंद रवि लामिछाने अचानक राजनीति के सबसे गर्म चेहरे बनकर सामने आए।

और ये रिहाई किसी कोर्ट के आदेश या राजनीतिक सौदेबाज़ी से नहीं, बल्कि Gen-Z की क्रांति से हुई!

Gen-Z vs System: युवाओं का गुस्सा और सरकार की हार

जैसे ही रवि लामिछाने को कोऑपरेटिव घोटाले में गिरफ्तार किया गया, नेपाल का युवा वर्ग उबल पड़ा। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, हर तरफ लामिछाने की रिहाई की मांग गूंजने लगी। “क्लीन पॉलिटिक्स” की उम्मीद लगाए बैठे युवाओं ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया।

नतीजा?

रवि लामिछाने जेल से बाहर आए — लेकिन उनके साथ 1500 कैदी भी नक्खू जेल से फरार हो गए। अब ये सुरक्षा तंत्र की विफलता है या सियासी साजिश, यह खुद एक नई बहस बन चुकी है।

रवि लामिछाने: एंकर से एक्टिविस्ट, फिर सत्ता के स्टार तक

2016-17 में उनका शो “सीधा कुरा जनता संग” घर-घर में देखा जाने लगा। वो न सिर्फ एक टीवी एंकर थे, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आवाज़ बन गए।
2022 में उन्होंने RSP (राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी) बनाई, और पहले ही चुनाव में 20 सीटें जीतकर सत्ता के गलियारों में दस्तक दी।

लेकिन फिर आया नागरिकता विवाद, और लंबी कानूनी लड़ाई। अमेरिकी नागरिकता के मुद्दे पर संसद से बर्खास्त किए गए, मंत्री पद छिन गया — लेकिन रवि ने हार नहीं मानी।

जेल से वापसी और फिर सीधा पीएम की रेस में!

2024 में कोऑपरेटिव घोटाले में नाम आने के बाद रवि लामिछाने को जेल भेजा गया। पर इस बार कहानी बदली — जनता उनके पीछे थी, खासकर युवा।
अब जबकि ओली जा चुके हैं, देश में सत्ता का खाली सिंहासन है — और रवि लामिछाने उस पर सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं।

उनकी छवि साफ है, स्टैंड दमदार है, और भीड़ उनके साथ।

भारत की टेंशन और ट्रैवल एडवाइजरी

नेपाल में उथल-पुथल के चलते भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। भारतीय नागरिकों को नेपाल यात्रा फिलहाल टालने और मौजूदा भारतीयों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button