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अंबिकापुर : छत्तीसगढ़ के राहुल गुप्ता ने पूरी की एवेरेस्ट की चढ़ाई

अंबिकापुर : 14 मई की सुबह 7 बजे जब हिन्दुस्तान जाग रहा था, तब अंबिकापुर छत्तीसगढ़ निवासी, राहुल गुप्ता जो इस समय दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट की 8848 मीटर की उंचाई पर भारत का परचम लहराते हुए छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा रहा था.राहुल गुप्ता सुपुत्र श्री अशोक प्रसाद गुप्ता छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम पर्वतारोही हैं जिन्होंने एवरेस्ट फ़तेह किया है. साथ ही वर्ष 2018 में पहले भारतीय भी हैं जो एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचे हैं.

राहुल गुप्ता सुपुत्र श्री अशोक प्रसाद गुप्ता छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम पर्वतारोही हैं जिन्होंने एवरेस्ट फ़तेह किया

इस अभियान को राहुल ने 22 अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोहियों के साथ शुरू किया, इस अभियान का नेतृत्व भी राहुल गुप्ता ने ही किया. इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय राहुल गुप्ता छत्तीसगढ़ की जनता तथा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सरगुजा सांसद कमलभान सिंह तथा खेल सचिव आर. प्रसन्ना को देते हैं, जिनके अथक प्रयास, सहयोग तथा मार्गदर्शन ने उन्हें इस उंचाई पर पहुंचाया. अभियान के संबंध में राहुल गुप्ता ने बताया कि 8 अप्रैल को नेपाल होते हुए वे बेस कैंप पहुंचे जहाँ से 5 कैंप से होते हुए 22 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद, समस्त प्राकृतिक आपदाओं को झेलते हुए 14 मई की सुबह एवरेस्ट की चोटी फतह की. जितना मुश्किल एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचना था,

इस अभियान का नेतृत्व भी राहुल गुप्ता ने ही किया.

वापसी की यात्रा भी भीषण संकट से भरी रही. इस दौरान 12 से 16 घंटे तक करीब 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान का सामना करना पड़ा. राहुल गुप्ता के लिए ये सबसे मुश्किल समय था. एवरेस्ट फ़तेह करने की ख़ुशी महसूस करने से ज्यादा ज़रूरी पूरे दल को सुरक्षित करना था. वे पूरी टीम की हौसला अफजाई और नेतृत्व करते रहे जिससे सभी साथी धैर्य और हिम्मत के साथ बंधे रहे. तेज तूफान के चलते राहुल को स्नो ब्लाइंडनेस और फ्रोस्ट बाईट हो गया. जब तक राहुल गुप्ता अपने साथियों के साथ कैंप 4 तक पहुंचे तब तक बांयी और दांयी आंख का विजन मात्र 15 प्रतिशत तक ही रह गया था. कैंप 2 से राहुल गुप्ता को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया और काठमांडू के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

इस दौरान 12 से 16 घंटे तक करीब 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान का सामना करना पड़ा

सही समय पर अस्पताल में भर्ती होने से राहुल गप्ता की जान बच सकी. इस पूरे सफर में बाधाएं और कठिनाईयां आईं लेकिन राहुल गुप्ता अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ते रहे और छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया. साथ ही छत्तीसगढ़ पर्वतारोहण क्षेत्र के स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत की. भविष्य में राहुल गुप्ता का इरादा छत्तीसगढ़ में आउटडोर एडवेंचर की अंतर्राष्ट्रीय अकादमी छत्तीसगढ़ के राहुल गुप्ता ने पूरी की एवेरेस्ट की चढाईखोलने का है जिससे पर्वतारोहण के क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रतिभा छत्तीसगढ़ में तैयार किए जा सकें।

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