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अमेरिका की नई NSS: चीन ‘दुश्मन नंबर-1’, भारत ‘कुंजी साझेदार’, रूस संग रिश्तों में नरमी

अमेरिका की नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी (NSS)–2025 ने वैश्विक राजनीति की दिशा बदलने वाले बड़े संकेत दे दिए हैं। 33 पन्नों की इस रणनीतिक रिपोर्ट में पहली बार इतने स्पष्ट शब्दों में चीन को अमेरिका का “दुश्मन नंबर-1” और भारत को इंडो-प्रशांत का “कुंजी साझेदार (Key Partner)” घोषित किया गया है।

चीन: सीधे-सीधे रणनीतिक प्रतिद्वंदी

अमेरिका ने साफ कर दिया है कि आने वाला दशक अमेरिका–चीन शक्ति संघर्ष से तय होगा। आर्थिक, तकनीकी और सैन्य विस्तार के कारण चीन को अमेरिका ने सबसे बड़ी और दीर्घकालिक चुनौती बताया है।
इंडो-प्रशांत क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव अब अमेरिकी रणनीति का ‘पहला लक्ष्य’ बन गया है।

भारत: नई अमेरिकी रणनीति का प्रमुख केंद्र

रिपोर्ट में भारत का उल्लेख कई बार और बेहद महत्वपूर्ण संदर्भों में किया गया है।
भारत को—

इंडो-प्रशांत स्थिरता का स्तंभ,

अमेरिका का प्रमुख रक्षा-सामरिक साझेदार,

QUAD, तकनीक, सप्लाई चेन और समुद्री सुरक्षा का बड़ा हिस्सा बताया गया है।

NSS साफ करती है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका-भारत साझेदारी चीन को संतुलित करने की रीढ़ बनेगी।

रूस: टकराव से साझेदारी की ओर वापसी

अमेरिका ने पहली बार माना कि रूस के साथ लंबे समय तक टकराव रखना “गलत रणनीति” था।
नई नीति में वॉशिंगटन रूस के साथ रिश्तों को स्थिर बनाने की ओर बढ़ रहा है—यह ऐसे समय में आया है जब रूस और भारत संबंधों में नई गर्माहट दिख रही है।
स्पष्ट है, अमेरिका चाहता है कि भारत-रूस-अमेरिका त्रिकोणीय कूटनीति में वह फिर से अपनी जगह बनाए।

🇺🇸 ‘अमेरिका-फर्स्ट’ का नया रूप

अब अमेरिका हर जगह दखल देने की बजाय—

सीमित हस्तक्षेप,

स्पष्ट हितों वाले क्षेत्रों में दबदबा,

सहयोगियों के साथ रक्षा, तकनीक और समुद्री सुरक्षा पर मजबूत साझेदारी—
जैसे मॉडल पर आगे बढ़ेगा।
भारत इस रणनीति में सबसे बड़ा, सबसे विश्वसनीय पार्टनर बनकर उभर रहा है।

कुल मिलाकर संभावित असर

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत – अमेरिका की प्राथमिकता बनने से रक्षा और तकनीक में सहयोग गहरा होगा।

चीन पर चारों तरफ से दबाव – अमेरिका व उसके साझेदार अब खुलकर चीन को घेरने की नीति अपनाएंगे।

रूस को राहत – तनाव कम होने से रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव घटेगा।

पाकिस्तान की रणनीतिक चिंता – रिपोर्ट में सिर्फ एक संदर्भ, वह भी सीजफायर का।

इंडो-प्रशांत संतुलन मजबूत – भारत-अमेरिका गठजोड़ समुद्री और सामरिक शक्ति को नया रूप देगा।

नई NSS कहती है कि 2025 में अमेरिका ने अपने वैश्विक गेमप्लान की लाइनें फिर से खींच दी हैं—
चीन स्पष्ट प्रतिद्वंदी, भारत सबसे बड़ा साझेदार, और रूस के लिए नरम रुख।
यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों की भू-राजनीति का ‘ब्लूप्रिंट’ बनने जा रही है।

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