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खूंटी में जवानों को छुड़ाने की कोशिश, तनाव के बीच पत्‍थलगड़ी समर्थक वार्ता के लिए तैयार

खूंटी। झारखंड के खूंटी में अपहृत किए गए जवानों की तलाश के दौरान सुरक्षाबल और पत्थलगढ़ी समर्थकों के बीच जमकर झड़प हुई है। इस दौरान भारी पथराव भी हुआ है। स्थिति से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए और 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। इस दौरान एक ग्रामीण के मारे जाने की खबर है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बाद पत्थलगढ़ी समर्तख बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं।

100 मीटर के फासले पर पत्थलगड़ी समर्थकों व पुलिस ने की मोर्चाबंदी

खूंटी के घाघरा में तीन पुलिसकर्मियों के बंधक बनाए जाने के बाद मौके पर एक हजार जवानों के साथ खूंटी के एसपी व डीसी मंगलवार की शाम मौके पर पहुंचे। पत्थलगड़ी समर्थकों से 100 मीटर की दूरी पर पुलिस ने मोर्चेबंदी की और हथियारों के साथ अपना-अपना पोजिशन ले लिया। जबकि, दूसरी तरफ पत्थलगड़ी समर्थक महिला-पुरुष भी पारंपरिक हथियार के साथ मोर्चेबंदी किए हुए थे। पत्थलगड़ी समर्थकों में स्वयंभू नेता जॉन जुनास तिड़ू व युसूफ पूर्ति भी शामिल थे।

पत्थलगड़ी समर्थकों की ओर से महिलाएं लीड कर रही थीं। रात करीब साढ़े सात बजे तक पूरे क्षेत्र में तनाव बरकरार रहा। पत्थलगड़ी समर्थकों की ओर से ग्राम प्रधान करम सिंह मुंडा ने महिलाओं को पुलिस के पास संदेश लेकर भेजा कि वे अपने पांच प्रतिनिधियों को उनके पास वार्ता के लिए भेजें। ग्राम सभा के प्रस्ताव को पुलिस अधिकारियों ने ठुकरा दिया और पुलिस अधिकारियों ने ग्राम सभा के पांच सदस्यों को वार्ता के लिए बुलाया, जिसे ग्राम सभा ने भी ठुकरा दिया।

ग्राम प्रधान करम सिंह मुंडा मंच से दे रहा था पुलिस को हुक्म

पत्थलगड़ी समर्थकों की ओर से ग्राम प्रधान करम सिंह मुंडा मंच से पुलिस को हुक्म दे रहा था कि पांच नहीं तो दस की संख्या में पुलिस अधिकारी ग्राम सभा में जाएं। जब पुलिस वहां नहीं गई तो ग्राम प्रधान ने पत्थलगड़ी समर्थकों को पुलिस के विरुद्ध अपने पोजिशन लेने का आदेश दिया। उसने पुलिस को यह भी धमकी दी कि पुलिस वापस लौट जाए, क्योंकि ग्राम सभा रात में नहीं चलती। अब कोई वार्ता नहीं होगी। कल या परसों आना हो तो आएं।

इस तरह किया तीन सुरक्षाकर्मियों का अपहरण

खूंटी में मंगलवार की दोपहर बाद से ही बवाल मचा है। एक बार फिर पत्थलगड़ी समर्थक बेकाबू हो गए और सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर हमला बोलते हुए तीन सुरक्षाकर्मियों का अपहरण कर लिया। उनके आवास से चार इंसास हथियार भी लूटते हुए लेकर चले गए। गनीमत था कि घटना के वक्त सांसद आवास में नहीं थे, वे फिलहाल दिल्ली में हैं।

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार खूंटी जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर घाघरा में हो रहे पत्थलगड़ी को रोकने व उनके नेता युसूफ पूर्ति को गिरफ्तार करने के लिए करीब 500 जवान घाघरा जा रहे थे। घाघरा से चार किलोमीटर पहले ही अनिगड़ा में पत्थलगड़ी समर्थकों से पुलिस की भिड़ंत हो गई। पारंपरिक हथियार से लैस पत्थलगड़ी समर्थक जब हिंसा पर उतारू हो गए तो पुलिस ने भी लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इसमें एक पत्थलगड़ी समर्थक जख्मी हुआ, पुलिस ने आधा दर्जन पत्थलगड़ी समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बाद भागने के क्रम में पत्थलगड़ी समर्थकों ने अनिगड़ा के समीप चांदीडीह स्थित सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर हमला बोल दिया। करीब 300 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक महिला-पुरुषों ने सांसद आवास के हाउसगार्ड के चार इंसास को लूट लिया और एक हवलदार सहित चार जवानों को घसीटते हुए ले जाने लगे। इसी बीच, मौका पाकर हवलदार बैजू उरांव तो पत्थलगड़ी समर्थकों के कब्जे से भाग निकला, लेकिन तीन जवानों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने बंधक बना लिया है।

जो जवान बंधक बने हैं, उनमें सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा व सियोन सोरेन शामिल हैं। सूचना है कि तीनों जवानों को घाघरा में रखा गया है। बंधक बने जवानों को छुड़ाने के लिए खूंटी के डीसी सूरज कुमार व एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के नेतृत्व में दस बड़े वाहनों से हजारों जवान घाघरा के लिए कूच कर गए हैं। आधा दर्जन पत्थलगड़ी समर्थकों को पुलिस ने लिया हिरासत में लिया गया है। पूरे घाघरा क्षेत्र को घेरने की तैयारी है, ताकि उपद्रवी बन चुके पत्थलगड़ी समर्थकों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

घाघरा में पत्थलगड़ी के लिए गेट बनाकर कर ली थी पूरी तैयारी

पत्थलगड़ी समर्थकों ने खूंटी जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर घाघरा में पत्थलगड़ी की पूर्व में ही घोषणा कर दी थी और बड़ा सा गेट तैयार कर लिया था। सूचना पर पुलिस भी तैयार थी। दिन के एक बजे के बाद सैकड़ों जवान घाघरा के लिए रवाना हुए। सूचना थी कि घाघरा में युसूफ पूर्ति मौजूद है। जैसे ही पुलिस करीब पौने दो बजे घाघरा स्थित पत्थलगड़ी स्थल से चार किलोमीटर पहले अनिगड़ा के पास पहुंची पत्थलगड़ी समर्थकों ने आगे बढ़ने से रोक दिया। दोनों तरफ से तनातनी हुई। पत्थलगड़ी समर्थक पारंपरिक हथियार से लैस थे और हिंसा पर उतारू थे। उनके विरोध को देखते हुए पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर दिया, जिसके बाद भगदड़ मच गया।

इस मारपीट में कई पत्थलगड़ी समर्थकों व पुलिस को भी चोटें आई। आक्रोशित पत्थलगड़ी समर्थकों ने पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में अनिगड़ा के समीप चांदीडीह स्थित सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर हमला कर दिया। उस वक्त आवास में मौजूद सांसद की भाभी चिरेश्वरी मुंडाइन ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वे उग्र थे। करीब तीन सौ पत्थलगड़ी समर्थकों ने आवास के हवलदार सहित चारों हाउस गार्ड को घसीटते हुए ले जाने लगे। उनके चार इंसास को भी लूट लिया। हवलदार किसी तरह पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से छुटकर भागा और अपनी जान बचाई।

बहुत किया मनुहार, अब कायम करेंगे कानून का राज : एडीजी

एडीजी ऑपरेशन आरके मल्लिक ने बताया कि अब तक लगता था कि पत्थलगड़ी समर्थक समझ जाएंगे। उन्हें मनाया गया, समझाया गया, लेकिन वे अब तक नहीं समझे। अब उक्त क्षेत्र में कानून का राज पूरी तरह कायम होगा। अभियान शुरू हुआ है। ग्रामीणों को उनके कार्यों से कोई नहीं रोक रहा, लेकिन कानून को अपना काम करने से रोकने वालों से सख्ती बरती जाएगी। अभियान निर्णायक होगा। उपद्रवियों का गिरफ्तारी वारंट निकला है, उनकी गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है, इसलिए संबंधित गांवों में विधि-व्यवस्था संबंधित परेशानियां हो रही है, जिसे शीघ्र दूर कर लिया जाएगा।

युसुफ पूर्ति का घर कुर्क, छापेमारी को गई पुलिस को देखकर ग्रामीणों ने बजाई घंटी, पूर्ति को भगाया

खूंटी से महज तीन किलोमीटर दूर उदबुरू में पत्थलगड़ी नेता युसूफ पूर्ति का घर है। उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट लेकर खूंटी पुलिस सदल-बल मंगलवार अहले सुबह चार बजे उदबुरू पहुंच गई। पुलिस को देखकर ग्रामीणों ने घंटी बजा दी, जिसके बाद युसूफ पूर्ति भाग निकला। पुलिस ने उसके घर के एक-एक सामान को कुर्क कर लिया है। उदबुरू में युसूफ पूर्ति के आवास की कुर्की जब्ती की घटना से भी पत्थलगड़ी समर्थक आक्रोशित थे। इसके बाद पत्थलगड़ी रोकने के लिए जा रही पुलिस को देखकर बेकाबू हो गए और यह बड़ी घटना के रूप में सामने आई है।

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