
रायपुर : शहर में एक ओर जहां पीलिया का प्रकोप फैला हुआ है तो वहीं दूसरी ओर शहर की बस्तियों में अभी भी नालियां बजबजा रही है। शहर के अधिकतर वार्डों का नजारा अमूमन यही नजर आ रहा है।
राजधानी में इन दिनों पीलिया का प्रकोप फैला हुआ है, पीलिया के चलते अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, इसके अलावा दर्जनों इसकी चपेट में हैं। निगम और स्वास्थ्य अमले ने खानापूर्ति करते हुए प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य जांच शिविर आदि लगाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। लेकिन इसके बाद कोई भी जिम्मेदार विभाग अथवा अधिकारी ने पीलिया को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है।
पीलिया का प्रकोप फैला हुआ है
एक ओर जहां शहर में पीलिया का प्रकोप फैला हुआ है तो वहीं शहर के अधिकतर वार्डों में तथा इन वार्डों के गली-मोहल्लों में गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। सघन और घनी आबादी वाले इलाकों में तो सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। शहर के केवल चुनिंदा इलाकों में ही नियमित सफाई हो रही है। इसका असर यह हो रहा है कि इस समय मौसमी बीमारियां तेजी से पैर पसार रही है। शहर के अधिकतर गली-मोहल्लों तक पहुंची पाईप लाईनें गंदगी, बजबजाती नालियों से होकर गुजरी हुई है। इन पाईप लाईनों में हल्का भी लीकेज हो तो नलों से दूषित और गंदा पानी आना शुरू हो जाता है।
दूषित और गंदा पानी आना शुरू
नागरिकों की मजबुरी है कि वो नलों का ही पानी पीते हैं। शहर के कई इलाकों में दूषित और बदबूदार पानी आने की शिकायत भी सामने आ चुकी है। इन तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लिहाजा शहरवासी विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। शहर के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां महीने और 15 दिनों में एक बार नालियों की सफाई हो रही है, कुछ मोहल्ले तो ऐसे हैं जहां महीनों में एकात बार नालियां साफ की जा रही है। नालियों के जाम रहने से जहां रहवासी बदबू से बेहाल हैं तो वहीं इनमें से होकर गुजरी पाईप लाईनों से दूषित पेयजल सप्लाई होने का खतरा भी लगातार बना हुआ है।