बाबा रामदेव का शरबत जिहाद बयान हो रहा है वायरल

बाबा रामदेव ने हाल ही में अपने ब्रांड पतंजलि के शरबत उत्पादों के प्रचार के दौरान एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने ‘शरबत जिहाद’ शब्द का उपयोग किया। उन्होंने बिना किसी कंपनी का नाम लिए संकेत दिया कि कुछ शरबत बेचने वाली कंपनियाँ अपने मुनाफे का उपयोग मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में करती हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे ऐसे ‘शरबत जिहाद’ में निवेश करने के बजाय गुरुकुलों और पतंजलि विश्वविद्यालय के निर्माण में योगदान दें।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कई लोगों ने इसे उपभोक्ता उत्पादों को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास बताया। हालांकि, बाबा रामदेव ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी विशेष ब्रांड का नाम नहीं लिया है, लेकिन यदि किसी ने इसे अपने ऊपर लिया है, तो इसका मतलब है कि वे स्वयं को ‘जिहाद’ से जोड़ रहे हैं।
ये कोई पहला मौका नहीं है। 2019 में बाबा ने कोलगेट को कहा – ‘केमिकल का जहर’। कहा था
रेड लेवल की चाय पर तंज कसते हुए उन्होने इसके एक एड को ‘कुंभ का अपमान’। बताया था कोक और पेप्सी को उन्होंने टॉयलेट क्लीन कहकर पूरे देश में प्रचारित कर दिया है ।
एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को ‘जहर’ कहकर विवाद खड़ा किया था। उन्होंने एलोपैथी के खिलाफ कई भ्रामक विज्ञापन दिए, जिनमें दावा किया गया कि एलोपैथी गलत धारणाएँ फैला रही है।
इस पर भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापनों के लिए सार्वजनिक माफी मांगने का आदेश दिया था।
वैसे इन बयानों के माध्यम से बाबा रामदेव ने अपने ब्रांड पतंजलि को ‘स्वदेशी’ और ‘राष्ट्रवादी’ भावना से जोड़ने की कोशिश की है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच उसका समर्थन बढ़ा है। विवाद भले ही कितना भी बड़ा हुआ हो, लेकिन बाबा रामदेव की कंपनी अब करीब चालीस हजार करोड़ की हो चुकी है । और सबसे खास बात ये है कि आज भी पतंजलि के प्रॉडक्ट को बेचने के लिए बाबा रामदेव ने किसी बड़े सुपरस्टार को करोड़ों रुपए देकर हायर नहीं किया है, बल्कि वे खुद ही इन सभी प्रॉडक्ट की ब्रांडिंग करते हुए नजर आते हैं । फिर भले ही उनका तरीका अलग रहा है, लेकिन इससे उनके ब्रांड को प्रचार खूब मिल जाता है । आप इस बारे में क्या सोचते हैं अपनी राय भी जरूर कमेंट करें ।