वोट की जंग: सत्ता बनाम विपक्ष, अब असली टक्कर वोटर लिस्ट पर!

बिहार में SIR और कथित वोट चोरी के मुद्दे ने अब राजनीतिक टकराव की शक्ल ले ली है। इंडिया गठबंधन के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भाजपा पर बड़ा हमला बोला, लेकिन अब भाजपा ने भी पलटवार करते हुए विपक्षी नेताओं की सीटों पर वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप लगा दिया है।
चुनाव आयोग अब इस लड़ाई के केंद्र में है — एक तरफ सत्ता, दूसरी तरफ विपक्ष। जैसे दो पाटों के बीच पिसता लोकतंत्र!
राहुल गांधी की रायबरेली पर BJP का वार
भाजपा का दावा है कि रायबरेली में 2,00,089 संदिग्ध वोटर हैं:
19,512 डुप्लिकेट वोटर
71,977 फर्जी पते वाले वोटर
15,853 मिश्रित परिवार वाले
92,747 सामूहिक रूप से जोड़े गए नाम
भाजपा का आरोप है कि यह “घुसपैठिया वोट बैंक” की रणनीति का हिस्सा है।
अखिलेश यादव की कन्नौज सीट पर भी सवाल
भाजपा के अनुसार कन्नौज में:
कुल 2,91,798 संदिग्ध वोटर
1.5 लाख से ज़्यादा फर्जी पते वाले वोटर
डुप्लिकेट, मिश्रित और सामूहिक नामों की भरमार
ध्यान देने वाली बात यह है कि अखिलेश ने इस सीट से 1.7 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी।
प्रियंका गांधी की वायनाड सीट भी घेरे में
भाजपा का दावा:
93,499 संदिग्ध वोटर
20 हजार से ज़्यादा डुप्लिकेट
50 हजार से ज़्यादा सामूहिक रूप से जुड़े वोटर
भाजपा सवाल उठा रही है कि क्या ये जीत “असली जनादेश” है या किसी और रणनीति का हिस्सा?
डिंपल यादव और अभिषेक बनर्जी भी निशाने पर
डिंपल यादव की मैनपुरी सीट पर 2.55 लाख संदिग्ध वोटर
अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर सीट पर 2.59 लाख संदिग्ध वोटर
भाजपा ने इन आंकड़ों के साथ विपक्ष पर “लोकतंत्र के साथ धोखा” का आरोप लगाया है।
क्या वोटर लिस्ट बनेगी चुनावी राजनीति का नया रणक्षेत्र?
एक ओर विपक्ष का दावा कि सत्ता पक्ष वोट चुराने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर रहा है, वहीं भाजपा कह रही है कि विपक्ष फर्जी वोट बैंक के सहारे जीत दर्ज कर रहा है। सवाल बड़ा है — सच्चाई क्या है और लोकतंत्र कितनी चोट झेल सकता है?