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बेंगलुरु : येदियुरप्पा ने ली शपथ, तीसरी बार बने सीएम

बेंगलुरु : हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ले ली है। इस दौरान शपथग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के साथ प्रकाश जावड़ेकर और जेपी नड्डा समेत बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। हालांकि पीएम मोदी और अमित शाह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। राज्यपाल वजुभाई आर वाला येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई और गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। अब येदियुरप्पा के सामने सबसे बड़ी चुनौती विधायकों के हस्ताक्षर जुटाकर बहुमत साबित करना है।

हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ले ली है

75 साल के येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव में शिकारीपुरा से जीत हासिल की है। वह तीसरी बार राज्य के सीएम बने हैं और राज्य के 25वें मुख्यमंत्री हैं। हालांकि इससे पहले दोनों बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 2006 में पहली बार जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई। 2008 में अकेले दम पर बीजेपी राज्य में जीती।2011 में खनन घोटाले के आरोप के चलते येदियुरप्पा को कुर्सी छोडऩी पड़ी। इसके बाद येदियुरप्पा बीजेपी से अलग हो गए थे जिसके बाद 2013 में बीजेपी को राज्य में हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में येदियुरप्पा वापस बीजेपी में शामिल हुए। मांड्या जिले मे बीएस येदियुरप्पा के गांव बुकानाकेरे में भी जश्न मनाया गया।

75 साल के येदियुरप्पा ने विधानसभा चुनाव में शिकारीपुरा से जीत हासिल की है

दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शपथ ग्रहण समारोह का विरोध करते हुए कहा कि भले ही बीजेपी आज खुश है लेकिन भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनाएगा। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, बहुमत न होने के बाद भी बीजेपी की सरकार बनना संविधान का मजाक उड़ाना है। आज सुबह जब बीजेपी अपनी खोखली जीत का जश्न मना रही होगी तो भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनाएगा। उधर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा, अगर कांग्रेस विरोध करना चाहती है तो उसे राहुल गांधी, सोनिया गांधी और सिद्धारमैया का विरोध करना चाहिए, तीनों ने कांग्रेस को बर्बाद कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा कर्नाटक विवाद

बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह के खिलाफ याचिका दायर की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में रात 1:45 बजे सुनवाई शुरू हुई जो सुबह साढ़े पांच बजे तक चली। कोर्ट ने गवर्नर के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। हालांकि, कोर्ट ने इस बात को माना है कि विश्वास मत साबित करने के लिए दिए गए 15 दिन के समय पर सुनवाई हो सकती है। इसके साथ ही दोनों पक्षों समेत येदियुरप्पा को एक जवाब दाखिल करने का नोटिस भी जारी किया है। कर्नाटक मसले में शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी।

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