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“उद्भव” कार्यक्रम का शुभारंभ, बाल देखरेख संस्थाओं में शिक्षा व सशक्तिकरण की नई पहल

रायपुर । खम्हारडीह स्थित शासकीय बालिका गृह में आज “उद्भव” नामक अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग तथा छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) के तहत संस्थागत और गैर संस्थागत देखरेख को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत विजन से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए सतत प्रयासरत है। “उद्भव” इसी दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जो बच्चों को स्नेह, सुरक्षा और सम्मान के साथ सशक्त जीवन जीने का अवसर देगा।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने बालिका गृह में कंप्यूटर लैब का शुभारंभ किया और नव स्थापित पुस्तकालय का अवलोकन किया। बच्चों से संवाद करते हुए उन्होंने तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को आज की आवश्यकता बताया, जिससे बच्चे आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बन सकें।

राजवाड़े ने बताया कि जुलाई 2025 में Catalysts for Social Action (CSA) संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया गया था। इसके तहत रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर संभाग की 15 संस्थाओं में पहले चरण का कार्य प्रारंभ हो रहा है। इस पहल के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, करियर काउंसलिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण और जीवन कौशल जैसे कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 112 बाल देखरेख संस्थाएं संचालित हैं, जहां 2000 से अधिक बच्चों की देखभाल की जा रही है। इसके अतिरिक्त, दत्तक ग्रहण, स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर और आफ्टर केयर जैसे गैर-संस्थागत कार्यक्रमों से भी बड़ी संख्या में बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, CSA संस्था की सीईओ स्मिता शेट्टी, एक्सिस बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अभिजीत अग्रवाल, जिला एवं राज्य स्तरीय बाल संरक्षण अधिकारी, समिति सदस्य और बड़ी संख्या में बालिकाएं उपस्थित रहीं।

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