केंद्र सरकार की बड़ी सौगात: 8वां वेतन आयोग बना, 1 जनवरी 2026 से बढ़ेगी सैलरी!

देशभर के लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी!
केंद्र सरकार ने मंगलवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन से जुड़े नियम और शर्तों (ToR) को मंजूरी दे दी है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में क्या-क्या शामिल होगा, क्योंकि इसी के आधार पर तय होगा कि कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में कितनी बढ़ोतरी होगी।
ToR क्या होता है?
ToR यानी Terms of Reference, सरकार द्वारा जारी वह दस्तावेज़ है जिसमें यह तय किया जाता है कि वेतन आयोग किन मुद्दों पर सिफारिशें देगा।
इसमें आयोग का कार्यक्षेत्र, दायरा और रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा तय की जाती है।
सरल शब्दों में — यही वह ब्लूप्रिंट है जिसके मुताबिक कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भविष्य तय होता है।
8वें वेतन आयोग के लिए प्रमुख प्रस्ताव
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, स्टाफ साइड (NC-JCM) ने सरकार को जो ToR भेजा है, उसमें शामिल हैं:
1️⃣ वेतन, भत्तों और पेंशन की व्यापक समीक्षा
2️⃣ 1 जनवरी 2026 से नया वेतन लागू करने की सिफारिश
3️⃣ कर्मचारियों को “सम्मानजनक न्यूनतम वेतन” सुनिश्चित करना
4️⃣ पे-स्केल मर्जर (Level-1 से 2, Level-3 से 4, Level-5 से 6)
5️⃣ MACP में सुधार — कम से कम तीन प्रमोशन की गारंटी
6️⃣ अंतरिम राहत देने की सिफारिश
7️⃣ महंगाई भत्ता (DA) और राहत (DR) को वेतन में जोड़ना
8️⃣ 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों का समाधान
9️⃣ पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर पुनर्विचार
🔟 CGHS, शिक्षा सहायता, एडवांस और विशेष भत्तों में सुधार
अन्य संभावित फायदे
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद बढ़ सकती हैं:
HRA (मकान किराया भत्ता)
TA (यात्रा भत्ता)
मेडिकल रिइम्बर्समेंट और हेल्थ बेनिफिट्स
ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा
NPS में योगदान से जुड़ी शर्तें
रिपोर्ट कब तक आएगी?
आयोग की कमान सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी गई है।
आयोग को अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 महीनों में देनी है।
संभावना है कि नई सैलरी 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगी।
सरकार के इस कदम से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की जेब में खुशहाली आने की उम्मीद है।अब सबकी नज़रें ToR के आधिकारिक ऐलान और नई वेतन संरचना पर टिकी हैं।




