
भारतीय जनता पार्टी को हमेशा ही संगठन के निर्देश पर चलने वाली पार्टी कहा जाता था, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब करारी हार के बाद संगठन के पदों के लिए रोज नए दावेदार आ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष के बाद अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई दिग्गजों ने इशारों-इशारों में कह दिया है कि उनसे पूछा जाएगा तो वो दावेदारी जरूर करेंगे. भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जल्द ही नाम का ऐलान हो सकता है.
भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर घमासान मचा हुआ है. पार्टी का अध्यक्ष एक ताकतवर पद होता है. ऐसे में कई दिग्गज इसे लेकर ताल ठोकते नजर आ रहे हैं. पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को प्रबल दावेदार माना जा रहा था. हालांकि उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद यह तो साफ हो गया कि वो अब दावेदार की दौड़ से बाहर हो गए हैं. 11 और 12 जनवरी को जो दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन होने वाला है, उसके लिए कई दिगग्ज दिल्ली रवाना हुए हैं.
दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर में जब उनसे पूछा गया तो किसी ने भी दावेदारी से इंकार नहीं किया. हालांकि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तो डॉ. रमन सिंह का ही नाम ले लिया. आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की बात होने पर केदार कश्यप ने भी अपनी बात रखने की बात कही. पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकार, प्रेम प्रकाश पांडेय ने भी खुलकर नहीं कहा, लेकिन इशारों में कहा कि यदि दावेदारी की बात आएगी तो जरूर करेंगे.
डॉ. रमन बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बन गए हैं. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि पार्टी में किसी तरह की दावेदारी की कोई परंपरा नहीं है. उन्होंने इस बात पर भी इंकार किया कि डॉ. रमन सिंह, जो तेजतर्रार दिख रहे थे सदन में वह विधानसभा नेताप्रतिपक्ष बनने की कवायद थी. जाहिर तौर पर यह बयान बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए प्रदेश अध्यक्ष तय करना इतना आसान नहीं है. क्योंकि जब कई लोग किसी पद के लिए दावेदारी पेश करते हैं तो कुश्ती तो तय होती है. दिलचस्प बात यह है कि इन सबके बीच पूर्व मंत्री राजेश मूणत पहले से ही दिल्ली पहुंचे हैं.