मेरठ : भारत बंद के दौरान मेरठ में हिंसा के पीछे था बीएसपी के पूर्व विधायक का हाथ

मेरठ : एससी एसटी ऐक्ट में बदलाव के खिलाफ सोमवार को बुलाए गए भारत बंद के दौरान जगह-जगह हिंसा की खबरें आईं। इसमें अब तक 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। यूपी के मेरठ जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। इस सिलसिले में करीब 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं मेरठ में प्रदर्शन के दौरान अशांति फैलाने के पीछे पूर्व बीएसपी विधायक का नाम साजिशकर्ता के रूप में सामने आ रहा है।
मेरठ की एसएसपी मंजिल सैनी ने पूर्व बीएसपी विधायक योगेश वर्मा को हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। मंजिल सैनी ने कहा, वह हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हैं और हमने उन्हें हिरासत में ले लिया है। बीएसपी नेता का नाम सामने आने से बीएसपी सुप्रीमो मायावती की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि उन्होंने सोमवार को मीडिया से बातचीत में सफाई दी कि दलित आंदोलन को कुछ असामाजिक तत्वों ने हाईजैक किया और बदनाम करने की साजिश रची गई। भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर मायावती ने कहा था, मैं एससी-एसटी आंदोलन का समर्थन करती हूं लेकिन दलितों के नाम पर असामाजिक तत्व हिंसा कर रहे हैं। बीएसपी हिंसा की निंदा करती है और हमारी पार्टी के लोग इसमें शामिल नहीं हैं।
एसएसपी ने आगे बताया कि करीब 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ पहले से दर्ज मामले भी मिल रहे हैं। मंजिल सैनी के अनुसार, असामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे सभी साजिशकर्ताओं और शरारती तत्वों पर रासुका लगाई जाएगी। अभी तक यहां किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक थे योगेश वर्मा
बता दें कि 2007 में जब यूपी में मायावती के नेतृत्व में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी, तब योगेश वर्मा हस्तिनापुर से विधायक चुने गए थे। सोमवार को भारत बंद के दौरान मेरठ में कई बसों और दूसरे वाहनों में तोडफ़ोड़ कर आग लगा दी गई थी। हाइवे जाम कर दिया। शहर की एक पुलिस चौकी में आग लगा दी गई थी। फायरिंग तक की गई। यहां पर कई सौ युवा हाथों में लाठी डंडे लेकर आगे बढ़ते गए और तोडफ़ोड़ कर चले गए।
पत्रकारों के कैमरे तोडऩे की कोशिश की गई
पत्रकारों के कैमरे तक तोडऩे और छीनने की कोशिश की गई। इसी दौरान फायरिंग कर दहशत फैलाई गई। पुलिस और पीएसी ने लाठी फटकारकर भीड़ को अलग किया और बामुशिकल काबू पाया। दलित छात्रों ने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में तोडफ़ोड़ की। मुखथ्यद्वार पर तालबंदी कर दी। लाइट और पंखे तोड़ डाले। पास का ही तेजगढ़ी चौराहा कब्जे में सेकर जाम कर दिया।
मेरठ के किठौर और शाहजहांपुर कस्बे में दलित समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर जुलूस निकाला। सरधना कस्बे में बंद के समर्थन में दलित समाज के लोगों ने जुलूस निकाला। बाद में सभी मेरठ रवाना हो गए। मवाना कस्बे में दुकान बंद न करने पर दो दुकानों में तोडफ़ोड़ की और जबरन दुकान बंद करा दी।