राजधानीवासी रायपुर में ही कर सकेंगे माता वैष्णो देवी के दर्शन
प्रदेश सरकार रायपुर के लोगों को वैष्णो देवी मंदिर और माता वैष्णो देवी के दर्शन राजधानी रायपुर में ही करवाने का प्रबंध कर चुकी है. राजधानीवासियों को जल्द ही चार नए मंदिर मिलने जा रहे हैं। इनमें से एक टाटीबंध में श्रीराधा रासबिहारी मंदिर जो की इस्कॉन द्वारा बनवाया जा रहा है। वहीं लालपुर के नवकार नगर में मुनिसुव्रत स्वामी का श्वेतांबर जैन मंदिर सफेद संगमरमर से बनाया जा रहा है। इसके अलावा महादेव घाट पर खारून नदी के किनारे माता वैष्णो देवी का पांच मंजिला भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। परिसर में ग्लास ब्रिज के साथ कैलाश पर्वत और और 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतिरूप भी दिखेंगे। इसके अलावा राजधानी के ठीक पास ही में परसदा के ब्रह्म लोक आश्रम में विश्व जागृति मिशन द्वारा कैलाश पर्वत मंदिर का निर्माण हो रहा है। यहां वैष्णो देवी, 12 ज्योतिर्लिंगों व अमरनाथ के भी प्रतिरूप दर्शन होंगे।
महादेव घाट पर खारून नदी के किनारे बनने जा रहे, माता के पांच मंजिला भवन के अंदर जाने पर वैष्णो देवी के दरबार जैसा ही अहसास होगा। मध्यभारत में यह वैष्णो देवी का एकमात्र मंदिर होगा। राजस्थान में धौलपुर के लाल बलुआ पत्थरों से बन रहे 50 हजार स्क्वायर फीट के मंदिर का भवन लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। ग्राउंड फ्लोर में रसोईघर और भोजनशाला होगी। पहली मंजिल में 2 हजार लोगों की क्षमता वाला हॉल व स्टेज बनाया गया है। तीसरी मंजिल से श्रद्धालु ग्लास ब्रिज को पार कर माता अदितेश्वरी मंदिर पहुंचेंगे। मां अदितेश्वरी का मंदिर मुख्य भवन से अलग सिर्फ एक ही स्तंभ पर बनाया गया है। चौथी मंजिल पर माता वैष्णो देवी का मंदिर है। यहां संकरी गुफा से होकर श्रद्धालु माता के दरबार में जाएंगे। सबसे ऊपरी मंजिल पर कैलाश पर्वत बनाया गया है। इसमें 12 ज्योतिलिंगों की स्थापना की जाएगी।