पत्रकार छोटा है तो क्या कोई भी ट्रक से कुचल देगा ?
“भिंड के पत्रकार संदीप शर्मा द्वारा रेत माफिया और पुलिस की मिलीभगत सामने लाने के बाद से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर उन्होंने सुरक्षा देने की मांग भी की थी”
ये मामला भिंड जिले का है, एक जहां एक भाई अपनी ड्यूटी करते हुए, देश की सीमा पर कुर्बान हो गया, और अगर शायद दूसरे को अपनी ड्यूटी करने के एवज में देश के भीतर मौत के घाट उतार दिया गया.
संदीप के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो छोटे बच्चे हैं. संदीप के एक भाई फौज में थे जो अप्रैल 2004 में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही है, साथ ही कहा है कि मामले में दोषी को नहीं बख्शा जाएगा.
आरोपी ट्रक चालक गिरफ्तार
संदीप की मौत के बाद उनकी पत्नी ने भी हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले में भिंड पुलिस के मुताबिक संदीप को कुचलने वाले ट्रक के ड्राइवर को पकड़ लिया गया है. वह एक 19 साल का लड़का है. उसके पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस भी नहीं है. जिस ट्रक से संदीप को कुचला गया है वह रेत ढोने में इस्तेमाल किया जाता है.
क्या रेत ढोने वाले ट्रक से मौत संयोग है ?
संदीप की मौत भी रेत ढोने वाले ट्रक के नीचे आने से हुई है और उन्होने खुलासा भी रेत के अवैध परिवहन का किया था, तो क्या रेत ढोने वाले वाहन से उनकी मौत महज एक हादसा है ?, इसका जवाब फिलहाल पुलिस भी देने से बच रही है.
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गौरतलब है कि प्रदेश का यह चंबल इलाका रेत और खनन माफियाओं के खौफ और दहशत के लिए जाना जाता है. जहां पुलिस-प्रशासन उसके सामने बेबस नजर आता है. मार्च 2012 में बामौर में अवैध रुप से पत्थर ले जा रहे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आईपीएस नरेंद्र कुमार की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी.
इसके अलावा आए दिन इस क्षेत्र से ऐसी खबरें आना आम बात है जहां रेत और पत्थर के माफिया दबिश देने गई पुलिस पार्टी पर हथियारों से हमला बोल देते हैं. पुलिस थानों पर हमला करके जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले जाते हैं.