आदि कर्मयोगी अभियान से गांवों की बदलती तस्वीर

रायपुर। 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के मौके पर कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के दूरस्थ वनांचल ग्राम—तितरी, बरेंडा और खारा—में भारत सरकार के आदि कर्मयोगी अभियान के तहत विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन हुआ।
इस ऐतिहासिक मौके पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त छत्तीसगढ़ राज्य नोडल अधिकारी एवं ट्राईफेड के प्रबंध संचालक एम. राज मुरुगन स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने सीधे ग्रामीणों से संवाद कर उनकी ज़रूरतें सुनीं और 2030 तक गांवों के समग्र विकास की कार्ययोजना पर चर्चा की।
ग्रामीणों ने मांगी—स्वच्छ पेयजल, पक्की सड़कें, बेहतर स्कूल, 24×7 स्वास्थ्य सेवा, सामुदायिक वन संसाधन पत्र, पुल-पुलिया निर्माण, बिजली व ट्रांसफार्मर जैसी बुनियादी सुविधाएं।
“गांव की योजनाएं अब गांववाले तय करेंगे” — श्री मुरुगन ने स्पष्ट किया कि ग्राम विजन योजना 2030 के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, अधोसंरचना और परंपरा संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने तितरी, बरेंडा और खारा में विकास कार्यों का जायजा लिया और स्थानीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत CEO श्री अजय त्रिपाठी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
कुल 275 गांव इस अभियान में शामिल हैं, जिसमें अकेले बोड़ला के 226 गांव शामिल हैं।
अभियान के तीन मजबूत स्तंभ
आदि कर्मयोगी – जो योजनाओं का समन्वय और पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हैं।
आदि सहयोगी – शिक्षक, डॉक्टर, युवा जो नवाचार और सेवा से गांवों को आगे बढ़ाते हैं।
आदि साथी – स्वयं सहायता समूह, बुजुर्ग, और गांव की परंपराओं को संजोने वाले लोग।
ग्राम सभाएं बनीं ग्रामीण आवाज़ों का मंच
इस आयोजन में ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच, वरिष्ठजन और बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। चौपाल की परंपरा को फिर से जीवंत करते हुए, समस्याएं सिर्फ सुनी नहीं गईं, बल्कि उन्हें भविष्य की योजनाओं में शामिल करने का वादा भी मिला।