
रायपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर छत्तीसगढ़ ने न सिर्फ योग किया, बल्कि एकता, साहस और समर्पण की मिसाल भी पेश की। राजधानी रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित योग कार्यक्रम में कुछ पल ऐसे भी आए, जिन्होंने सबका दिल छू लिया।
यहां रीमा साहू नाम की दिव्यांग महिला बैसाखी के सहारे खड़ी हुईं, और पूरे आत्मविश्वास से योग आसनों का अभ्यास किया। माना इलाके की रहने वाली रीमा सिलाई-कढ़ाई का काम करती हैं, लेकिन उनका हौसला आज किसी भी मंच से कम नहीं था। उनकी मौजूदगी ने साबित किया कि योग न सिर्फ शरीर को जोड़ता है, बल्कि आत्मबल को भी नई ऊंचाई देता है।
कार्यक्रम की एक और खास बात रही विभिन्न समुदायों की सहभागिता। बुजुर्ग महिलाओं के साथ मुस्लिम और ईसाई समाज की महिलाओं ने भी योग कर सांप्रदायिक सौहार्द की सुंदर झलक पेश की। ये नजारा छत्तीसगढ़ की साझा संस्कृति और समरसता की पहचान बन गया।
वहीं दूसरी ओर, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर में योग कर लोगों को प्रेरित किया, तो उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मुंगेली में और मंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ में योग कर इस अभियान को प्रदेशभर में जनांदोलन का रूप दिया। मंत्री, सांसद और विधायक भी जिले-जिले में योग के जरिए लोगों को जोड़ते नजर आए।
इस बार योग दिवस की थीम थी — “योग संगम-हरित योग”, जिसके तहत जिला मुख्यालयों से लेकर गांव-गांव तक कार्यक्रमों की शृंखला चली। यह आयोजन सिर्फ योग का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और एकता के संगम का प्रतीक बन गया।